हॉस्टल में पसरा सन्नाटा

बरियातू स्थित साई सेंटर के जिस हॉस्टल में कभी गल्र्स हॉकी प्लेयर्स की रौनक हुआ करती थी, आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। सेंटर को बंद करने के फरमान के बाद से ही यहां का माहौल बिलकुल बदला-बदला नजर आ रहा है। होली फेस्टिवल के पहले ही प्लेयर्स अपने घर को जा चुके हैं। इन प्लेयर्स ने बताया कि वे अब शायद ही इस सेंटर में वापस लौटेंगे। घर जाने के वक्त प्लेयर्स के चेहरे से उदासी झलक रही थी। इस दौरान तो कई की आंखों से आंसू भी निकल आए। आखिर, इतने दिनों तक एक साथ हॉकी की प्रैक्टिस करने के बाद उन्हें एक-दूसरे से बिछडऩा पड़ रहा है। बरियातू हॉकी सेंटर के साथ एनएसटीसी साई सेंटर के प्लेयर्स को ट्रेनिंग देनेवाले फुलकेरिया भी कहते हैं कि इस तरह किसी भी सेंटर को कभी भी बंद नहीं किया जाना चाहिए।

विवाद बना बंद होने की वजह?
स्पोट्र्स अथॉारिटी ऑफ इंडिया( साई) ने कुछ दिनों पहले सिटी के बरियातू में चल रहे नेशनल टैलेंट सर्च सेंटर को एक अप्रैल से बंद करने का फरमान जारी किया था। साई के इस फरमान के बाद यहां हॉकी को लेकर पिछले कई सालों से चलनेवाली एक्टिविटी खत्म हो जाएगी। यहां पिछले चार सालों से हॉकी को लेकर चल रहे विवाद और 2006 के बाद एक भी इंटरनेशनल प्लेयर्स के नहीं निकलने को सेंटर के बंद होने की वजह बताई जा रही है। हालांकि, विवाद में यहां की प्लेयर्स कभी भी शामिल नहीं रही हैं। इसके अलावे जहां तक इंटरनेशनल प्लेयर्स के निकलने का सवाल है, यहां पिछले कई सालों ने न तो डिस्ट्रिक्ट और न ही स्टेट लेवल के टूर्नामेंट्स हुए हैं।
ऐसे में प्लेयर्स का टैलेंट आखिर कैसे निखरेगा।

अभी तो शुरूआत थी लेकिन
छह महीने पहले ही इस सेंटर में 22 प्लेयर्स आई थीं, लेकिन वे सभी अब अपने घर को चली गई हैं। इन प्लेयर्स ने कहा कि उनकी तो अभी शुरूआत ही हुई थी। आगे स्टेट और देश का नाम रौशन करना था, लेकिन अब उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सेंटर बंद होने से आहत हुए हैं। लेकिन, अब हम क्या कर सकते हैं। गवर्नमेंट को इस बारे में सोचना चाहिए।

साई सेंटर मोराबादी में मौका
साई के फरमान के बाद मंडे से नेशनल सर्च टैलेंट सेंटर बरियातू बंद हो जाएगा, लेकिन यहां के कुछ प्लेयर्स को साई सेंटर मोरहाबादी में मौका मिल सकता है। गौरतलब है कि इस सेंटर में हॉकी के सीनियर्स को प्रैक्टिस कराई जाती है। मोरहाबादी स्थित साई सेंटर के डायरेक्टर सुशील वर्मा ने बताया कि बरियातू सेंटर को बंद होने से बचाने के लिए वे कुछ कर तो नहीं सकते हैं, लेकिन यहां के कुछ प्लेयर्स को यहां ट्रेनिंग के लिए मौका दिया जा सकता है।