-बर्रा की एसबीआई ब्रांच में लूट का मामला,

- छोटी सी हेड इंजरी पर हैलट रेफर करने वाले उर्सला के डॉक्टर्स ने आरोपी को तीन दिन में ही सही कर दिया

- उर्सला से डिस्चार्ज कराने और 5 लोगों को संभालने के लिए बुलाई गई दो थानों की फोर्स

- जाम लगाने के आरोप में भाई और पड़ोसी को उठा ले गई पुलिस

KANPUR: बर्रा शास्त्री चौक की एसबीआई ब्रांच में लूट का आरोपी जितेंद्र क्या पुलिस के लिए गले की हड्डी बन गया है। मंगलवार को उर्सला में जो हुआ उससे तो यही लग रहा है। कैसे छोटी-छोटी हेड इंजरी पर पेशेंट को हैलट रेफर करने वाले डॉक्टर्स ने तीन दिन में ही आरोपी जीतेंद्र को ठीक कर डिस्चार्ज कर दिया। यही नहीं जितेंद्र को डिस्चार्ज कराके हॉस्पिटल से निकलवाने के लिए दो थानों की फोर्स को आना पड़ा जबकि उसके साथ परिवार की तीन महिलाएं, भाई और एक दोस्त मौजूद थे। सवाल यही उठता है कि पुलिस को जितेंद्र से किस बात का डर है। क्या मानवाधिकार आयोग और कोर्ट में गर्दन फंसने के डर से पुलिस जितेंद्र के पूरे परिवार को धमका रही है। वैसे इस तरह के आरोप जितेंद्र पहले ही जता चुका था। जो मंगलवार को सही साबित भी हुए। आई नेक्स्ट ये बिल्कुल नहीं कह रहा कि जितेंद्र निर्दोष है। लेकिन जितेंद्र को चोरी छिपे जेल भेजने वाली बर्रा पुलिस और जेल प्रशासन इस बात का जवाब तो दे कि उसका पैर आखिर टूटा कैसे? और उसके हॉस्पिटलाइज होने की नौबत क्याें आई?

इसलिए पुलिस को लग रहा है िजतेंद्र से डर

- बेल मिलने के बाद जितेंद्र की खराब हालत पर मानवाधिकार आयोग ने भी शुरू की जांच

- पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री के आरोप। जितेंद्र को भर्ती करने को लेकर जेल प्रशासन व पुलिस के अलग-अलग बयान

- सीसीटीवी फुटेज में जितेंद्र लुटेरे को ही भागने के लिए कह रहा है यह पुलिस कैसे साबित करेगी

- जीतेंद्र का कोई आपराधिक इतिहास नहीं होना

- मामले में किसी और आरोपी की गिरफ्तारी नहीं, लूट का रुपया भी बरामद नहीं दिखा सकी पुलिस

- कोर्ट में बेहद कमजोर पैरवी जिसकी वजह से जितेंद्र को महीने भर में ही जमानत मिल गई

तीन दिन में कैसे सही हो गया

जितेंद्र की एक्सरे रिपोर्ट के मुताबिक उसके एड़ी और पंजे ही हड्डी डिस्लोकेट हो गई है। जिसे सही करने के लिए उसे प्लास्टर भी चढ़ाया गया इसके अलावा उसके गले के टॉन्सिल्स में इंफेक्शन हो गया था। उसका इलाज करने वाले डॉ। एलके तिवारी के मुताबिक उसका पुराना प्लास्टर काट कर नया चढ़ा दिया गया था। ईएनटी स्पेशल्सि्ट डॉ। संजीव कुमार ने उसके गले के इंफेक्शन के भी मंगलवार को बिल्कुल सही होने की बात कही जिसके बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

दबाव में किया डिस्चार्ज

जितेंद्र की पत्‍‌नी सोनी का आरोप है कि उनके पति की तबीयत अभी भी काफी खराब है और बेहद कमजोरी भी है। लेकिन मंगलवार को डॉक्टर्स ने जल्दबाजी में उसे डिस्चार्ज कर दिया। इसके लिए उन्होंने पुलिस का दबाव होने का आरोप भी लगाया। जिसके बाद ही दो थानों की फोर्स उसे उर्सला से निकालने के लिए पहुंची।

दो थानों की फोर्स क्यों बुलानी पड़ी

उर्सला इमरजेंसी के एनबी-क् वार्ड में भर्ती जितेंद्र जोकि अब जमानत पर है। उसे कहां रखना है इसका फैसला या तो डॉक्टर्स कर सकते हैं और या फिर परिजन ऐसे में कोतवाली और फीलखाना थाने की फोर्स को उसे बाहर निकलवाने के लिए आने की क्या जरूरत पड़ गई। उसके साथ उर्सला में पत्‍‌नी सोनी, मां, बहन, भाई और एक दोस्त ही था। पुलिस का कहना है कि ये लोग उर्सला के बाहर सड़क जाम करने वाले थे। तो सवाल यह उठता है कि भ् लोग सड़क जाम कैसे कर सकते हैं। वैसे पुलिस ने इस आरोप में जितेंद्र के भाई नलिन और दोस्त पवन को हिरासत में भी ले लिया है। क्या पुलिस ने ऐसा जितेंद्र के परिवार पर दबाव बनाने के लिए किया है?

.तो मेडिको लीगल में खेल हुआ था?

एक महीने पहले जब जितेंद्र को बर्रा पुलिस ने गुपचुप जेल भेजा था तब उसका मेडिकल उर्सला में ही हुआ था जिसमें एसपी वेस्ट के मुताबिक उसे फिट बताया गया था। लेकिन अब जब वह उर्सला में भर्ती है तब दूसरा डॉक्टर उसके पैर में पुराना फ्रैक्चर होने की बात कैसे कर रहा है जिसका तीन दिन से इलाज भी किया जा रहा है। वैसे उर्सला में होने वाले मेडिको लीगल के खेल पर पिछले साल स्टिंग ऑपरेशन भी हो चुका है जिसमें उर्सला के ही दो डॉक्टर्स जेल भी जा चुके है ऐसे में क्या गारंटी है कि जेल भेजते समय मेडिको लीगल रिपोर्ट में खेल नहीं हुआ।

तो बेल कैंसिल कराई जाएगी

जितेंद्र के मसले पर जब एसपी वेस्ट हरीशचंद्र से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास उसके खिलाफ डॉक्यूमेंटेड प्रूफ हैं। सीसीटीवी फुटेज है। जिसमें वह दिख रहा है। ऐसे में उसके लूटपाट में शामिल होने में कोई संदेह नहीं बचता। रही बात जितेंद्र के भर्ती होने की, तो उसे चोट कैसे लगी मुझे इसकी जानकारी नहीं है जेल प्रशासन से पूछा जाएगा कि उसका किस चीज का इलाज हुआ। आगे की पूछताछ से बचने के लिए वह ड्रामा कर रहा है। इसके अलावा अगर वह बेल की शर्तो का उल्लंघन करेगा तो उसकी बेल खारिज कराई जाएगी।