-50 परसेंट से कम रिजल्ट को बनाया पैमाना

-टीचर्स और बच्चों की कमियां दूर करेगी ब्लॉक रिसोर्स टीम

बरेली: प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा के गिरते स्तर को दूर करने के लिए अफसर बेसिक शिक्षा विभाग की ग्रास रूट ओवरहॉलिंग करने जा रहे हैं। इसके लिए उन स्कूलों को चिह्नित किया जा रहा है, जिन स्कूलों का रिजल्ट 50 परसेंट से नीचे रहा है। उन स्कूलों के टीचर्स और बच्चों की काउंसलिंग कर कमियों को दूर किया जाएगा।

पासिंग की बाध्यता भविष्य पर भारी

8वीं तक के स्टूडेंट्स को किसी भी सूरत में फेल नहीं किया जा सकता है। यह बाध्यता खासतौर पर प्राइमरी और जूनियर स्कूल के स्टूडेंट्स के भविष्य पर भारी पड़ रही हैं। क्योंकि जो बच्चे पास होने लायक भी नहीं रहते हैं, वह अगली क्लास में प्रमोट हो जाते हैं। बेसिक शिक्षा के गिरते स्तर का यह एक बड़ा कारण माना जा रहा है। फिलहाल पास करने की अनिवार्य व्यवस्था को कायम रखते हुए उच्चाधिकारियों ने स्कूलों की ओवरहॉलिंग का फैसला लिया।

ब्लॉक के 40 परसेंट स्कूल होंगे

50 परसेंट से कम रिजल्ट देने वाले स्कूलों को चिह्नित किया जा रहा है। इसके अलावा संकुल यानि न्याय पंचायत के तीन स्कूल होंगे। इन स्कूलों में टीचर्स के पढ़ाने के तरीके और स्टूडेंट्स की पढ़ाई का स्तर चेक किया जाएगा। इसमें पैमाना यह है कि किस क्लास के बच्चे को कम से कम कितना आना चाहिए। यदि चौथी क्लास के बच्चे को 15 तक का पहाड़ा नहीं आ रहा है, तो उसे कमजोर माना जाता है। इसके लिए बेस लाइन सर्वे किया जा रहा है।

ब्लॉक रिसोर्स टीम करेगी सुपरविजन

शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए जो टीम बनाई गई है, उसमें खंड शिक्षाधिकारी लीड करेंगे। उनके साथ डाइट प्रवक्ता, हिंदी, गणित के दो एबीआरसी, दो संकुल के प्रभारी और प्राइमरी स्कूल के एक हेड मास्टर शामिल होंगे।

चार दिन की दी गई ट्रेनिंग

स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए जो टीम वर्क करेगी उसके लिए लखनऊ में बाकायदा चार दिवसीय ट्रेनिंग कराई गई। बरेली से 11 सदस्यीय टीम गई थी, जिसमें प्रदेश भर से डिस्ट्रिक्ट को-ओर्डिनेटर व अन्य टीचर्स गए हुए थे, जिसमें उन्हें सुपरविजन और उनकी खामियों को सुधारने के तरीके सुझाए गए।

शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए बड़ी तैयारी चल रही है। ताकि, लोग कॉन्वेंट स्कूलों की बजाय प्राइमरी स्कूलों में अपने बच्चे पढ़ाने के लिए आगे आएं।

राजीव कुमार, प्रभारी बीएसए

5वीं का रिजल्ट सर्वे का आधार

-वर्ष 2017-18 में पांचवी क्लास के रिजल्ट को बनाया आधार ।

-कक्षा पांच में कुल कितने बच्चों ने प्रतिभाग किया। -कक्षा पांच के सभी बच्चों का पूर्णाक का योग।

-कक्षा पांच के सभी बच्चों का कुल प्राप्तांक का योग और प्राप्तांक का प्रतिशत।

-इस आधार पर सबसे कम अंक पाने वाले विद्यालय की ओवरहॉलिंग होगी।