- अभी तक केवल 5 हजार रुपए तक सालाना मिलते थे
- अब स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर स्कूलों को मिलेंगे रुपए
BAREILLY:
बेसिक शिक्षा विभाग अब सभी परिषदीय स्कूलों को दिवाली गिफ्ट देने जा रहा है। दिवाली तक सभी सरकारी स्कूलों की सूरत बदली हुई नजर आए इसके लिए शासन स्तर से कवायद शुरू कर दी गई है। इस वर्ष पहली बार स्कूलों दिए जाने वाले सालाना बजट में इजाफा किया गया है। लेकिन इस इजाफे का लाभ पाने के लिए भी शासन ने कुछ शर्ते रख दी है। जिस स्कूल में जितने अधिक बच्चे शासन स्तर से उस स्कूल को उतने ही अधिक पैसे।
खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
किस स्कूल में कितने बच्चे है इस बात का सर्वे करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यदि किसी स्कूल में एक से लेकर 14 स्टूडेंट्स है तो उस स्कूल को 12 हजार 5 सौ रुपए की धनराशि दी जाएगी। यदि किसी स्कूल में 15 से 100 तक स्टूडेंट्स है तो उस स्कूल को 25 हजार रुपए की धन राशि दी जाएगी। स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर स्कूलों को भेजी जाने वाली रकम एक लाख रुपए तक की है।
किस किस पर करना होगा खर्च
अभी तक स्कूलों को केवल पांच हजार रुपए ही सालाना दिए जाते थे। उसी में वो स्कूलों में यूज होने वाली डेली नीड्स की चीजें, साफ सफाई आदि का काम किया करते थे। लेकिन अब शासन से जो रकम आएगी उसे किस किस पर खर्च करना होगा आइए बताते है
- स्वच्छता अभियान
- रंगाई पुताई
- पेंटिंग कार्य
- फर्स्ट एंड बॉक्स
- स्टेशनरी
- अनुरक्षण कार्य
- अग्नि शमन यंत्र
- टाट, पट्टी चटाई आदि
- लाइट इक्यूपमेंट की मरम्मत
- रेडियो प्रोग्राम पर
- इंटरनेट बिल पर
- सांस्कृतिक कार्य
- सामान्य सामग्री जैसे कुर्सी, मेज, शीश, गिलास, वॉच आदि पर
- बागवानी सामग्री
- टीचिंग सामग्री
- दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए
- पुरस्कार वितरण
10 परसेंट स्वच्छता पर खर्च जरुरी
बीएसए ने बताया कि छात्र संख्या के आधार पर जिस स्कूल में जितना पैसा आएगा। उसका 10 परसेंट उसे स्वच्छता पर खर्च करना है। माना यदि किसी स्कूल में एक लाख रुपया आया तो उसे दस हजार स्कूल के स्वच्छता पर खर्च करना होगा।
फैक्ट्स एंड फिगर
- 1 से 14 बच्चों पर पर 12 हजार 500 रुपए मिलेंगे
- 15 से 100 बच्चों पर 25 हजार रुपए मिलेंगे
- 101 से 250 बच्चों पर 50 हजार रुपए मिलेंगे
- 251 से 1000 बच्चों तक 75 हजार रुपए मिलेंगे
- 1 हजार से अधिक बच्चों पर एक लाख रुपए मिलेंगे
शासन की ओर से इस बार बजट में चेंज किया गया है। अब छात्रों की संख्या के आधार पर स्कूलों का बजट भेजा जाएगा। और जिस स्कूल का जितना बजट होगा उसका 10 परसेंट स्वच्छता पर खर्च करना जरुरी है।
तनुजा त्रिपाठी, बीएसए