मंडे से शुरू हुई परीक्षाओं में विभाग की नाकामी आई सामने

ब्लैक बोर्ड पर टीचर्स नहीं लिख पाए शुद्ध हिंदी

BAREILLY

बेसिक स्कूल्स में मंडे से सेशन एग्जाम शुरू हुए। एग्जाम तो स्टूडेंट्स का हो रहा है, लेकिन इसने टीचर्स की योग्यता पर सवाल खड़ा कर दिये। क्योंकि, ब्लैक बोर्ड पर टीचर्स ने जो प्रश्न लिखें हैं, उसकी वर्तनी तक शुद्ध हिंदी नहीं लिख सके। ऐसे में बड़ा सवाल है जब टीचर्स को ही हिंदी लिखने शऊर नहीं है, तो फिर वह बच्चों को क्या पढ़ा रहे होंगे। इस बात का खुलासा तब हुआ जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने एग्जाम का हाल जानने के लिए स्कूल्स का रुख किया, तौ चौंकाने वाले मामले सामने आए। आइए पढि़ए रिपोर्ट

बकरी को लिख दिया वकरी

नगर निगम प्राथमिक स्कूल में कक्षा चार और पांच में संस्कृत की परीक्षा में दिए गए प्रश्नों में पाठ्य पुस्तक को सिर्फ पाठय पुस्तक लिखा गया। बकरी को वकरी लिखा गया। पढ़ता है की जगह पढता लिखा लिखा गया। कक्षा तीन के संस्कृत के पेपर में संस्कृत की जगह सस्कृत लिख दिया।

प्राथमिक स्कूल कालीबाड़ी-

कालीबाड़ी प्राथमिक स्कूल में परीक्षा के दिन भी बच्चों की संख्या बेहद कम दिखी। बच्चों को जमीन पर बैठकर ही परीक्षा देनी पड़ी।

बागपुर प्राथमिक स्कूल-

स्कूल में परीक्षा के दिन भी बच्चे कम ही दिखाई दिए। बच्चे ग्रुप बनाकर नकल करते रहे और शिक्षक आराम से बैठकर सुस्ताते रहे।

प्राथमिक स्कूल सुभाषनगर

स्कूल में शिक्षकों ने बच्चों को सवाल तो ब्लैक बोर्ड पर लिख दिए पर कॉपी नहीं दी। ऐसे में बच्चों को अपने घर से लाई हुई कॉपी पर ही परीक्षा देनी पड़ी।

कोतवाली प्राथमिक स्कूल-

स्कूल में परीक्षा देने आए बच्चों को कापी पर ही सवाल लिखकर दिए गए। बच्चों को किताबें खोलकर सवालों के उत्तर जल्दी उतारने को बोल दिया गया।

शिक्षिका के जज्बे को सलाम

बेसिक शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। नगर निगम प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका अपने बच्चे को टेबल पर लिटाकर बच्चों को कॉपी वितरित की और परीक्षा कराई।

यदि किसी टीचर ने हिंदी गलत लिखी है तो यह बेहद गलत है। इसकी जांच कराकर कार्रवाई करुंगी।

चंदना राम इकबाल यादव, बीएसए