- बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले तीन दर्जन से ऊपर बेसिक स्कूलों में बच्चों को नहीं मिलता है कोटेदार से राशन

- राशन में चावल नहीं मिलने पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका को अपने जेब से भरना पड़ता है बच्चों का पेट

GORAKHPUR: बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाले दोपहर के भोजन में तहरी और चावल को स्थानीय कोटेदार और पार्षद मिलकर खा जाते हैं। यह हम नहीं बल्कि प्रधानाध्यापिका द्वारा बीएसए को की गई शिकायत बयां कर रही है। हालांकि इसके लिए बीएसए की तरफ से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इसकी लिस्ट बनाकर बेसिक शिक्षा विभाग में जमा करें। उसके बाद डिस्ट्रिक्ट सप्लाई डिपार्टमेंट के डीएसओ को कोटेदार व पार्षद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।

शिक्षिकाएं खरीदती हैं चावल

बता दें, सिटी के बेसिक स्कूलों में करीब तीन दर्जन से ऊपर ऐसे बेसिक स्कूल हैं। जहां पर बच्चों को हफ्ते में चार दिन मिलने वाले दोपहर के भोजन में चावल का ही इस्तेमाल होता है। ऐसे में चावल नहीं होने से बच्चे भूखे रह जाते हैं, लेकिन बच्चों का पेट भरने के लिए प्रधानाध्यापिका अपने जेब से बच्चों के लिए चावल खरीदती हैं। मार्केट में चावल 28-35 रुपए किलो तक है। हर स्कूल में बच्चों की संख्या करीब 300 से 350 तक है। ऐसे में 8-10 हजार रुपए तक का चावल शिक्षिकाओं को अपने जेब से खरीदना पड़ता है। इस तरह महीने में 33-36 हजार रुपए तक उनके खर्च हो जाते हैं, लेकिन इस मामले से जब भी शिक्षिकाएं बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत कराती हैं, तो इस समस्या का समाधान करने की बात कहते हुए वे टाल मटोल करते हैं, लेकिन कुछ दिन पहले सिटी के मॉर्डन बेसिक स्कूल की शिक्षिकाओं ने नगर शिक्षा अधिकारी ब्रह्मचारी शर्मा से इस बात की शिकायत की है कि उनके मोहल्ले के पार्षद कोटेदार के पास से राशन नहीं लेने देते हैं। पार्षद शिक्षिकाओं पर दबाव बनाते हैं, उन्हें राशन पार्षद से लेना होगा। ऐसे में पार्षद बच्चों के राशन भी हड़प लेता है। पूरा पर्याप्त राशन भी विद्यालय को नहीं मिलता है।

पार्षद दिखाते हैं दबंगई

नगर विद्यालय में पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं ने बताया कि उनके मोहल्ले के पार्षद उन्हें राशन मांगने पर धमकी तक देते हैं, ऐसे कंडीशन में वे खुद जेब से पैसा लगाकर राशन खरीदना बेहतर समझती हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षिका ने बताया कि वे नगर शिक्षा अधिकारी से कई बार इस मामले की शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन वह किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। यही नहीं डिस्ट्रिक्ट सप्लाई डिपार्टमेंट के सप्लाई इंस्पेक्टर भी कोटेदार से मिलकर धनउगाही का खेल करते हैं, इसलिए इस मामले में सप्लाई इंस्पेक्टर कोई कार्रवाई नहीं करता है।

फैक्ट फीगर

दिन मेन्यू

सोमवार केला, रोटी, सब्जी

मंगलवार चावल दाल

बुधवार दूध, तहरी

गुरूवार रोटी, सब्जी

शुक्रवार तहरी

शनिवार चावल, सब्जी

प्राइमरी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या - 2,45,000

जूनियर स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या - 1,18,000

मिड मिल लाभांवित वाले विद्यार्थी

प्राइमरी स्कूल के स्टूडेंट्स 1,70,000

जूनियर स्कूल के स्टूडेंट्स - 65,000

बच्चों को नहीं मिल रहे तहरी व चावल - 10,000

वर्जन

बेसिक स्कूलों में बच्चों को किसी भी दशा में दोपहर का भोजन देना अनिवार्य है। कोटेदार मनमानी कर रहे हैं, इसकी शिकायत आई है। इसके लिए डीएसओ से बात की गई है। कोटेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पार्षद किसी भी दशा में राशन वितरण में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।

बीएन सिंह, बीएसए