ABSA ने टीचर्स को पहना दी टोपी, मानव संपदा प्रबंधन पर अपलोड करनी है पर्सनल इंफॉर्मेशन

यूजर आईडी और पासवर्ड के साथ ट्रांसफर, प्रमोशन से जुड़ी जानकारियां जुटाना हुआ चैलेंज

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ALLAHABAD: जिले में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात करीब दस हजार से अधिक शिक्षकों का बीपी इन दिनो हाई है। कारण है मानव सम्पदा पर पर्सनल इंफॉर्मेशन लोड करने का आदेश। यह काम हालांकि खंड शिक्षा अधिकारियों को करना था लेकिन उन्होंने अपनी टोपी छुट्टी मना रहे अध्यापकों के सिर मढ़ दी है। यूजर आई और पासवर्ड जारी करके सभी शिक्षकों से कहा गया है कि वे इंफार्मेशन को अपडेट करें। इसमें ट्रांसफर, पोस्टिंग, नामिनी से लेकर अंगूठा निशान तक शामिल है। प्राब्लम यह है कि साइट पर फॉर्म तक टीचर्स पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। इसके चलते वह साइबर कैफे के चक्कर काट रहे हैं।

पिछले साल ही मांग ली गई थी सूचना

जिले के सभी ब्लाक के स्कूलों में तैनात टीचर्स की डिटेल अपलोड करने की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षाधिकारियों को सौंपी गई थी। इसके लिए 30 मई तक का समय परिषद की ओर से निर्धारित किया गया था। यह काम पिछले साल ही शुरू हो गया था। तब ब्लाकों से शिक्षकों की डिटेल भी मांग ली गई थी। इसमें ज्यादातर जानकारियों सर्विस बुक से जुड़ी हुई थी और यह विभाग के पास ही होती है। इसी के चलते यह जिम्मेदारी अफसर को ही दी गई। वर्क प्रेशर के चलते बीएसए और खण्ड शिक्षाधिकारियों ने इस कार्य में भी टीचर्स को लगा दिया। इसकी सूचना फ्लैश की गई 4 जून को और बताया गया कि 5 जून लास्ट डेट है। एबीएसए ने कॉमन यूजर आईडी और पासवर्ड भी टीचर्स से लिखित आदेश देकर शेयर कर दिया। बता दें कि सभी स्कूल 20 मई को ही बंद हो चुके हैं।

साइट तक पहुंचना मुश्किल

टीचर्स जब यूजर आईडी और पासवर्ड से साइट खोलने की कोशिश करने में जुटे तो उन्हें सफलता नहीं मिली। टास्क पूरा नहीं होने से टीचर्स का बीपी हाई होने लगा। अब टीचर्स को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिरकार वह सूचनाओं को अपलोड पूरा करने के लिए क्या करें? अधिकारियों से भी टीचर्स को इस बारे में कोई खास सहायता नहीं मिल रही है।

ID भी हो चुकी है कई बार ब्लॉक

मानव संपदा प्रबंधन के अन्तर्गत टीचर्स की जानकारी अपलोड करने के लिए सभी ब्लाक स्तर पर खण्ड शिक्षाधिकारियों के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड बनाए गए थे। जिसे खण्ड शिक्षाधिकारियों ने सार्वजनिक कर दिए। इसका असर यह रहा कि कई ब्लाक में टीचर्स द्वारा जानकारी के अभाव में गलती से यूजर आईडी का पासवर्ड बदल दिया गया। जिससे ब्लाक के ही दूसरे टीचर्स ने जब उसे ओपेन करना चाहा तो वह गलत पासवर्ड डालने के कारण ब्लाक हो गया। ये स्थिति लगभग सभी ब्लाक में है। टीचर्स को समझ नहीं आ रहा है कि खण्ड शिक्षाधिकारियों के आदेश का निर्वहन कैसे करें?

फैक्ट फाइल

1070

जिले में उच्च प्राथमिक स्कूलों की संख्या

2507

इन स्कूलों में तैनात टीचर्स की संख्या

76000

इन स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या

1980

जिले में प्राथमिक स्कूलों की संख्या

7,700

प्राथमिक स्कूलों में टीचर्स की संख्या

2,63,300

स्कूलों में छात्रों की कुल संख्या

(नोट यह डाटा 30 अप्रैल 2017 तक का है)

ऑनलाइन डाटा फीडिंग में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो और समय पर कार्य को पूरा किया जा सके, इसीलिए टीचर्स को भी इस कार्य में शामिल किया गया है। लक्ष्य है निर्धारित समय के भीतर काम पूरा करना।

-अर्जुन सिंह

खण्ड शिक्षाधिकारी, बीएसए आफिस

एक साल पहले ही टीचर्स ने सभी जानकारी ऑफलाइन भरकर खण्ड शिक्षाधिकारियों को दे दिया था। उसके बाद अब फिर से टीचर्स पर उस समय प्रेशर बनाया जा रहा है जब टीचर्स शहर के बाहर छुट्टियां मनाने गए हैं।

देवेन्द्र श्रीवास्तव

अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ

टीचर्स की पर्सनल जानकारी भरी जानी है। इसीलिए यह कार्य जिम्मेदार अधिकारियों के रूप में खण्ड शिक्षाधिकारियों को दिया गया। उन्होंने इसे सार्वजनिक कर दिया। इससे टीचर्स की पर्सनल इंफार्मेशन लीक होने या उससे छेड़छाड़ होने का खतरा बढ़ गया है।

-अमर कुमार सिंह

शिक्षक, ब्लाक चाका