आस्ट्रेलिया के हाथों दूसरे मैच में शर्मनाक हार से निराश भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इसके लिए बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को समान रूप से दोषी ठहराया लेकिन वह यह साफ नहीं कर पाए कि आखिर ड्रेसिंग रूम में बनाई गई रणनीतियां मैदान पर क्यों नाकाम हो रही हैं।

    मेलबर्न में 122 रन की हार के बाद भारत को दूसरे मैच में आज यहां पारी और 68 रन से पराजय झेलनी पड़ी। इस पर भी शर्मनाक बात यह रही कि दोनों मैच चार दिन के अंदर समाप्त हो गए।

    धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘यदि पिछली दो श्रृंखलाओं पर गौर करते हैं तो इंग्लैंड और अब यहां हम अधिक रन नहीं बना पाए। बीस विकेट लेना जरूरी है लेकिन आपको अतिरिक्त रनों की भी जरूरत पड़ती है। हम ज्यादा रन नहीं बना पाए। यहां तक कि इंग्लैंड में भी हम 300 रन तक पहुंचने के लिए जूझते रहे। जब विरोधी टीम के बल्लेबाज जमे होते हैं तो गेंदबाज थोड़ा भी प्रयोग नहीं कर सकते। उन्हें कभी बड़े स्कोर का बचाव करने का मौका नहीं मिला.’’

    भारत पहली पारी में केवल 191 रन बना पाया जिसके जवाब में आस्ट्रेलिया ने चार विकेट पर 659 रन बनाकर पारी समाप्त घोषित की।

    धोनी ने कहा, ‘‘सिडनी के विकेट पर पहली पारी में 300 से 350 रन अच्छा स्कोर होता। एक बार जब सस्ते में आउट हो जाते तो फिर विरोधी टीम की सारी मनोदशा बदल जाती है.’’

    उन्होंने कहा, ‘‘हम विकेट हासिल करने में नाकाम रहे और यही नहीं उन्हें तेजी से रन बनाने से भी नहीं रोक पाए। दो सौ रन बनने के बाद जब बल्लेबाज आसानी से रन बटोरते हैं तो आप असमंजस में पड़ जाते हो कि उन्हें आउट करें या रन बनाने से रोके। ’’ धोनी को हालांकि टीम के प्रदर्शन में कुछ सकारात्मक भी नजर आया। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी पारी में हमने बल्लेबाजों को रन बनाते हुए देखा भले ही इससे मैच बचाने में मदद नहीं मिली। कम से कम प्रत्एक ने 50 रन बनाए। हमें इनको बड़े स्कोर में तब्दील करने की जरूरत है.’’

    उन्होंने कहा, ‘‘वे उन्हें बड़े स्कोर में क्यों तब्दील नहीं कर पाए यह कहना मुश्किल है। हमें पता करना होगा कि क्या बल्लेबाज अच्छी गेंदों पर आउट हुए या उन्होंने गलतियां की। हमने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने विरोधी टीम को आउट किया। हमने 400 रन का स्कोर बनाया। अब हमें लगातार ऐसा करना होगा। विभागों में इसे करने के बजाय हमें टीम के रूप में ऐसा करना होगा.’’

   

धोनी यह नहीं मानते कि मध्यक्रम में उम्रदराज बल्लेबाज होने के कारण बल्लेबाजी में असफलता मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्र बढऩे के साथ अनुभव भी बढ़ता है। उम्मीद है कि आगे अच्छा होगा और हम अच्छे रन बनाने में सफल रहेंगे.’’     धोनी से जब पूछा गया कि वह बहुत जल्दी रक्षात्मक हो जाते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘आप हमेशा चार या पांच खिलाडिय़ों को स्लिप में नहीं रख सकते।

आपको रणनीति बदलने की जरूरत पड़ती है। यह विकेट लेने और उन्हें तेजी से रन बनाने से रोकने का संतुलन है। सचाई यह है कि मुझे लगता है कि इस मैच में मैंने कुछ अधिक समय तक स्लिप में ज्यादा क्षेत्ररक्षकों को रखा.’’ धोनी ने कहा कि भले ही टीम 0.2 से पीछे चल रही है लेकिन उसका मनोबल नहीं गिरा है। उन्होंने कहा, ‘‘परिस्थितियों से तालमेल बिठाना महत्वपूर्ण है। प्रत्एक मैच अलग तरह का होता है। आपको उसी तरह से सामंजस्य बिठाना पड़ता हैं’’

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