-एसएसपी के बॉडीगार्ड चंदू कुमार सिंह ने कहा: साहब दिलेरी नहीं दिखाते, तो हम लोग कोई नहीं बच पाते

- फुल साउंड होने के कारण बाजार आए ग्रामीणों तक को मुठभेड़ की भनक नहीं लगी

- जब तक हमलोग कवर करने पहुंचे, तब तक माओवादी फरार हो चुके थे

>RANCHI: जिस वक्त माओवादियों ने रांची एसएसपी प्रभात कुमार पर हमला बोला, उस वक्त दुलमी में बाजार लगा हुआ था। वहां लाउडस्पीकर बज रहा था, जिसकी आवाज में गोलियों की आवाज दब गई। एसएसपी के बॉडी गार्ड चंदू कुमार सिंह ने बताया कि इसी बीच एक माओवादी ने पहले एसएसपी के ड्राइवर पर निशाना साधा, फिर एसयूवी(गाड़ी) पर कंटीन्यू फायरिंग होने लगी। एसएसपी के साथ चल रहे एएसपी अभियान हर्षपाल सिंह, फैजल अहमद ने मोर्चा संभाला, लेकिन जैसे ही हर्षपाल सिंह गाड़ी से उतरना चाहे नक्सलियों ने गोली चला दी, जो एसयूवी के दाएं गेट पर लगी। नक्सली पीछे से भी गोली चला रहे थे, जो गाड़ी के पिछले हिस्से में घुस गई। नक्सलियों के ताबड़तोड़ हमले से पुलिस संभल नहीं पाई। इसी बीच चंदन गाड़ी के समीप आ गया और एसएसपी पर निशाना साध दिया, लेकिन एसएसपी ने उसके एके-ब्7 की नाल को दूसरी ओर मोड़ दिया। उसी वक्त उनके दाएं बाजू में गोली लग गई। वे गिरे, लेकिन उन्होंने चंदन को भी पटक कर उस पर हमला बोल दिया। इसी क्रम में कवर करने पहुंचे पुलिसकर्मियों ने गोली चलानी शुरू कर दी। एक गोली चंदन को लगी और वह वहीं ढेर हो गया।

हम पहुंचे तो साहब जख्मी थे

चंदू कुमार सिंह ने बताया कि साहब ने हमलोगों को पीछे से आने के लिए कहा था। जैसे ही हमला हुआ तो फैजल ने फोन किया और कहा कि नक्सली हमला हो गया है। इसके बाद क्यूआरटी की टीम वहां पहुंची तो साहब खून से लथपथ थे। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वे कंटीन्यू गोली चलाते रहे। जब गाड़ी में अंदर झांक कर देखा तो रूमुल सीट पर लुढ़का हुआ था। अन्य लोग भी ओट में खड़े थे। चंदन के मारे जाने के बाद अन्य माओवादी वहां से फरार हो गए। चंदू का कहना है साहब की दिलेरी के कारण नक्सली ऑपरेशन में पहुंचे अन्य जवानों की जान बच गई।

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कुंदन के समानांतर था चंदन

बताया गया कि भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कुंदन पाहन के दस्ते में शामिल चंदन पाहन कुंदन पाहन का करीबी थी। वह कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दे चुका था। चंदन को पकड़ने के लिए और उसे घेरने के लिए रांची पुलिस ने ही अभियान चलाया था। लेकिन, वह हर बार भागने में सफल रहा था। बताया जाता है कि कुछ सालों पूर्व चंदन पाहन कुंदन पाहन के दस्ते से हट चुका था। लेकिन, पुलिस दबिश के कारण वह फिर से उसी दस्ते में शामिल हो गया था।