-एडवोकेट के मामलों में पुलिस ने बना ली है दूरी

-यही कारण है कि महिला की मौत के बाद जागी पुलिस

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न्रुरुन्॥न्क्चन्ष्ठ: इस अराजकता के लिए कौन है जिम्मेदार? एडवोकेट, जिन्होंने अपनी बात मनवाने के लिए रोड जाम किया था। या फिर कॉमनमैन जो आए दिन इस तरह के जाम झेलकर तंग आ चुका है। या फिर वह पुलिस, जिससे वकीलों के मामलों से दूरी बना ली है। बड़ा सवाल है, आखिर यह कब तक चलता रहेगा? इंसाफ के मंदिर हाइ कोर्ट से तो सबकी अपेक्षा यही है कि वह कोई ऐसी व्यवस्था दे जिससे सभी को राहत मिले। क्योंकि, इससे इतर स्थिति में इससे भी बड़ी घटना की संभावना बनी रहेगी और सिस्टम तमाशबीन मिलेगा।

पुलिस ने बना ली है वकीलों से दूरी

दरअसल पुलिस ने आफ द रिकार्ड एक पॉलिसी बना ली है। वह वकीलों के किसी प्रोटेक्ट में बीच में नहीं आएगी। इसके पीछे अक्सर पुलिसवालों के साथ ही होने वाला मिसविहैब है। सीओ के गिरेबां पर हाथ डाल दिया जाना, दरोगा का पिट जाना, पुलिसकर्मियों का खदेड़ दिया जाना, आदिआदि तमाम घटनाओं से पुलिस का सामना हो चुका है। शायद इसी स्ट्रेटजी के तहत पुलिस सोमवार को रोड जाम की सूचना मिलने के बाद भी मौके पर नहीं गई। शायद वह यह मानकर चल रही थी कि घंटे-दो घंटे में विरोध अपने आप समाप्त हो जाएगा।

कॉमनमैन का यह रिएक्शन?

इस स्ट्रेटजी पर काम करने का नतीजा हुआ कि स्थिति अराजक हो गई। वैसे वकीलों की मांग भी गैरवाजिब नहीं था। वह तो अपने साथी के साथ मारपीट करने वाले सपा नेता और उनके साथियों की गिरफ्तारी चाहते थे। तीसरे पहलू को पुलिस और वकील दोनों ने इग्नोर कर दिया कि जाम में स्कूली बच्चे भी फंसे हैं। जिनके परिजनों की सांस अटक गई थी। कॉमनमैन फंसा था जो आए दिन ऐसे जाम में फंसता है और इसे लेकर उसके भीतर बेहद गुस्सा है। तभी तो जाम में फंसी एक लड़की को स्कूटी से गश खाकर गिरते हुए देखकर बाकी लोग कानून को हाथ में लेने निकल पड़े। पुलिस अधिकारियों को भी होश उस वक्त आया जब न्यूज ब्रेक होने लगी कि एक महिला की मौत हो चुकी है। इसके बाद लोकल इंटेलीजेंस से लेकर एसपी सिटी और एसएसपी मौके पर पहुंचे थे।

आज वकील रहेंगे हड़ताल पर, चीफ सेक्रेटी हाइ कोर्ट में तलब

सोमवार को हुए घटनाक्रम को हाइकोर्ट सुरक्षा कमेटी के चेयरमैन जस्टिस अरुण टंडन ने गंभीरता से लेते हुए जिले के आला अफसरों से बात की। उन्होंने हाइकोर्ट की सुरक्षा को देखते हुए चीफ सेक्रेट्री को मंगलवार को तलब कर लिया है। उधर, हाइ कोर्ट बार एसोसिएशन ने घटनाक्रम को सुनियोजित षड़यंत्र और दुस्साहसिक कृत्य करार दिया है। उन्होंने मंगलवार की सुबह साढ़े नौ बजे गेट नंबर तीन पर आमसभा आहूत की है और न्यायिक कार्यो से विरत रहने का फैसला लिया है। उन्होंने दंगाइयों को चिन्हित करके तत्काल गिरफ्तारी करने के साथ पुलिस की भूमिका की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की भी मांग की है।