बीसीबी में हुए विवाद के बाद ट्यूजडे को कई महिला टीचर्स नहीं पहुंची ड्यूटी पर

परीक्षा से पहले ग‌र्ल्स स्टूडेंट की नहीं हो सकी चेकिंग, स्टूडेंट लीडर का रहा डर

BAREILLY:

बीसीबी में 9 व क्क् मई को हुए जबरदस्त हंगामे के बाद बदले माहौल ने कई टीचर्स को खौफजदा कर दिया है। ट्यूजडे को बीसीबी में हुई परीक्षा में करीब आधा दर्जन महिला टीचर्स ड्यूटी पर नहीं आई। परीक्षा ड्यूटी में इन महिला टीचर्स के गैर मौजूद होने के पीछे सछास जिलाध्यक्ष हृदयेश यादव की दबंगई बताई जा रही। इन महिला टीचर्स में एसोसिएट प्रोफेसर क्षमा द्विवेदी भी शामिल रही, जिन्हें सैटरडे को स्टूडेंट लीडर ने जबरदस्त विवाद के बाद धमकाया था। ट्यूजडे को कॉलेज का माहौल शांत रहा, लेकिन इसमें मंडे को हुए हंगामे और बवाल का तनाव साफ झलक रहा था।

नहीं हुई ग‌र्ल्स की चेकिंग

ट्यूजडे को महिला टीचर्स के ड्यूटी पर न आने से परीक्षा से पहले स्टूडेंट्स की रूटीन चेकिंग की प्रोसेस भी प्रभावित हुई। बीसीबी में तीन पालियों में परीक्षाएं हो रही हैं। इनमें सुबह 7 से क्0 की पाली में तो सब सामान्य रहा, लेकिन सुबह क्क् से ख् और दोपहर फ्-म् की पाली में ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स की चेकिंग न की जा सकी। कॉलेज के पूर्वी व पश्चिमी दोनों गेट पर महिला टीचर्स के न होने से ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स को बिना चेक किए ही एग्जाम रूम में जाने की परमीशन दी गई।

कैंपस में नहीं दिखा स्टूडेंट लीडर

मंडे को बीसीबी में गिरफ्तारी और जबरदस्त हंगामे के बाद आसानी से रिहाई पाकर छूट गया स्टूडेंट लीडर हृदयेश ट्यूजडे को बीसीबी कैंपस में नहीं नजर आया। मंडे को हुए बवाल के बाद ट्यूजडे को भी कैंपस में स्थिति सामान्य न रहने की आशंका जताई जा रही थी। स्टूडेंट लीडर पर कार्रवाई न होने और उसके आसानी से रिहा होने से शिक्षकों के एक धड़े में जबरदस्त नाराजगी व निराशा होना बताया जा रहा है। हालांकि ट्यूजडे के महिला टीचर्स के न आने से परीक्षाएं प्रभावित हुई।