चेन्नई में बीसीसीआई की विशेष आमसभा की बैठक (एसजीएम) में ये फ़ैसला लिया गया है.

इस फ़ैसले के बाद ललित मोदी अब बीसीसीआई में कभी किसी पद पर काबिज नहीं हो पाएंगे.

बीसीसीआई ने ये फ़ैसला अनुशासन समिति की रिपोर्ट पर विचार के बाद लिया है.

बीसीसीआई की आम सभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया है, “ललित मोदी अनुशासनहीनता और आचरण में गड़बड़ी के दोषी हैं और इसलिए बोर्ड के नियम 32 के तहत दी गई शक्तियों के तहत ललित मोदी को बीसीसीआई से निष्कासित किया जाता है."

प्रस्ताव में आगे कहा गया है, "ललित मोदी के बतौर प्रशासक सभी अधिकार छीन लिए जाएंगे. वे भविष्य में कोई पद हासिल नहीं कर सकेंगे न किसी समिति में शामिल हो सकेंगे और न ही बोर्ड के सदस्य या सहायक सदस्य बन सकेंगे.”

सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

बोर्ड की बैठक पर 21 सितंबर को ललित मोदी को पटियाला हाउस कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिल गया था,

लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को बीसीसीआई के पक्ष में फ़ैसला सुनाया और बीसीसीआई को बैठक की इजाज़त दी थी.

ललित मोदी इसके ख़िलाफ सुप्रीम कोर्ट गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोदी को बीसीसीआई की एसजीएम के सामने पेश होना चाहिए, कोर्ट ने ये भी कहा कि ये बीसीसीआई का अंदरूनी मामला है.

ललित मोदी ने आईपीएल की शुरुआत की थी और पहले तीन सीज़न में इसके कमिश्नर रहे.

लीग के संचालन में वित्तीय अनियमितताओं और दो नई टीमों की नीलामी के दौरान ग़लत तरीक़े अपनाने के लिए आईपीएल 2010 के आयोजन के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

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