अब निम्बस को 2000 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भी गँवानी पड़ेगी, क्योंकि बीसीसीआई ने गारंटी रक़म जब्त करने का निर्णय किया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ मुंबई में बीसीसीआई की कार्यकारी समिति की बैठक में ये फ़ैसला किया गया। पीटीआई को बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया, "निम्बस ने वेस्टइंडीज़ और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सिरीज़ से पहले 50 प्रतिशत अग्रिम भुगतान नहीं किया, इसलिए ये सौदा रद्द किया जा रहा है."

निम्बस ने बीसीसीआई के साथ वर्ष 2005-06 में करार किया था, जिसके तहत भारत में होने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों के प्रसारण के अधिकार उसको मिले थे।

सौदा

ये सौदा वर्ष 2009-10 में फिर से चार साल के लिए हुआ। इस सौदे के तहत निम्बस को हर मैच के लिए बीसीसीआई को क़रीब 31.5 करोड़ रुपए देने होते हैं।

कार्यकारी समिति की बैठक से पहले ये माना जा रहा था कि बीसीसीआई निम्बस को भुगतान के लिए एक सप्ताह का समय दे सकता है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

इस बैठक से पहले निम्बस ने बीसीसीआई को 24 करोड़ रुपए दिए लेकिन अब भी उन्हें 88 करोड़ रुपए देने हैं। पीटीआई के अनुसार बीसीसीआई इस बात से नाराज़ है कि हर सिरीज़ के लिए निम्बस समय पर भुगतान नहीं करता।

इसके अलावा माना जा रहा है कि बीसीसीआई इस बात से भी नाराज़ है कि निम्बस क्रिकेट मैचों के दौरान वर्ल्ड सिरीज़ हॉकी को बढ़ावा दे रहा था। रेडियो राइट्स को लेकर भी बीसीसीआई और निम्बस में लंबे समय से तकरार चल रही थी।

माना जा रहा है कि निम्बस ऑल इंडिया रेडियो के प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं था और वो चाहता था कि बीसीसीआई ऑल इंडिया रेडियो से बात करे।

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