ऐसी है जानकारी
इस क्रम में आगे बताया गया है कि 2016 में भारत में आयोजित होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप से चार महीने पहले होने वाली बैठक में एक नहीं बल्कि पांच राष्ट्रीय चयनकार्तओं के बदले जाने की साफ संभावना है। एक विश्वस्त रिपोर्ट के मुताबिक, सबा करीम (पूर्व), राजिंदर सिंह हंस (मध्य) और रोजर बिन्नी (दक्षिण) के एक बार फिर नहीं चुने जाने की संभावना भी साफ है।

ऐसा है नियम
इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए बताया गया है कि चयन समिति के प्रमुख संदीप पाटिल (पश्चिम) का भाग्य भी पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं है। याद दिला दें कि इनको विक्रम राठौड़ (उत्तर) संग अक्टूबर 2012 में चयनकर्ता घोषित किया गया था। अब इसके आगे बीसीसीआई के नियमों पर गौर करें तो समझ में आता है कि कोई भी व्यक्ित अपने पद पर चार साल से ज्यादा चयनकर्ता के रूप में कार्यरत नहीं रह सकता।

अमरनाथ के साथ हुआ था ऐसा
यहां ये बताना भी जरूरी होगा कि एक सीनियर चयनकर्ता को वर्तमान में 70 लाख रुपये वार्षिक के हिसाब से दिए जाते हैं। 2010-11 में समिति में अमरनाथ को शामिल किया गया था। इसके बावजूद उसके एक साल बाद ही उन्हें चयन समिति से निकाल कर बाहर कर दिया गया था। बता दें कि उस समय अमरनाथ को भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और बोर्ड के टॉप अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करने के चलते समिति से बाहर का रास्ता दिखाया गया था।

इन नामों पर हो सकता है विचार
वहीं अब इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि विक्रम राठौड़ (उत्तर) की जगह अमरनाथ को चयन समिति में जगह मिल सकती है। हालांकि राठौड़ बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर के काफी करीबी माने जाते हैं। इसके बावजूद एक संभावना ऐसी भी है कि BCCI  मोहिंदर को पाटिल की जगह पश्चिम क्षेत्र के लिए नामित कर सकती है। इसके इतर अन्य तीन पदों के लिए दीपदास गुप्ता व देवांग गांधी (पूर्व), ज्ञानेंद्र पांडे, प्रीतम गंधे (मध्य) और वेंकटेश प्रसाद और डब्ल्यू वी रमन (दक्षिण) के नामों पर भी विचार-विमर्श हो सकता है।

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