स्वाइन फ्लू ने उन एरियाज पर भी हमला किया है, जिन्हें कम्पैरिटिवली बेटर माना जाता है। अब तक सिटी में पांच पेशेंट्स मिल चुके हैं। पिछले साल स्वाइन फ्लू से 20 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में आपकी भलाई अलर्ट रहने में ही है.

कहां से आता है

मेडिकल कॉलेज के एक्स प्रिसिंपल डॉ। एसके कटियार के मुताबिक एच1एन1 वायरस के बॉडी में एंट्री करने से स्वाइन फ्लू होता है। ये वायरस पिग से ह्यमन बॉडी में पहुंचता है। स्वाइन फ्लू का पेशेंट छींकता है तो लाखों वायरस बाहर आते हैं.  स्वाइन फ्लू का वायरस 70 से 100 डिग्री सेल्सियस पर खत्म हो जाता है। सोप से हैंडवॉश करने पर वायरस मर जाता है। क्लोरीन, अल्कोहल और आयोडीन से भी खत्म हो जाता है.

इन पर है खतरा

प्रेगनेंट लेडी, डायबिटीज पेशेंट्स, हार्ट पेशेंट्स, किडनी पेशेंट्स, ओबेसिटी और दमा के पेशेंट्स को स्वाइन फ्लू का वायरस जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है। जिन लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम वीक होता है। उन पर भी ये वायरस जल्दी हमला बोलता है। इन लोगों को खासतौर अपना ध्यान रखना चाहिए.

Symptoms

स्वाइन फ्लू के कई सिंप्टम्स हैं। इसमें हाई फीवर, नाक बहना, गले में खराश, खांसी आना, जी मिचलाना, वॉमिटिंग आना आदि शामिल हैं.

इनके भरोसे मत रहिएगा

सिटी में स्वाइन फ्लू के एक नहीं पांच केसेज मिल चुके हैं। इसके बाद भी हाल ये है कि सिटी में स्वाइन फ्लू का टेस्ट अवेलेबल नहीं है। मेडिकल कॉलेज में 25 लाख रुपए की लागत से लैब तो बना दी गई लेकिन जांच किट का कोई पता नहीं है। हालत ये है कि स्वाइन फ्लू की जांच के लिए ब्लड सेंपल लखनऊ भेजना पड़ता है.