नहीं लगा कोई सुराग

 सूचना पर पुलिस और फॉरेसिंक टीम ने मौके पर जाकर जांच की, लेकिन उन्हें कोई ठोस क्लू नहीं मिला। दो दिन पहले चोरों ने गुरुदेव टॉकिज के पीछे एक कारोबारी के घर में चोरी की थी। वहीं, शुक्रवार को चोरों ने अजमेर गए स्टेशनरी कारोबारी के खाली पड़े घर को निशाना बनाया था। ऐसे में आपको सर्दियों में और भी अलर्ट रहने की जरूरत है।

ना दिन में आराम ना रात को चैन

वैसे तो चोरों के ज्यादातर गिरोह शाम के बाद एक्टिव होते हैं, लेकिन कुछ गिरोह तो दिन में ही काम दिखा देते हैं। दो दिन पहले गुरुदेव टॉकिज के पीछे कारोबारी के घर पर चोरी इसका प्रमाण है। ये गिरोह दिन में खाली मकान और अपार्टमेंट में घुस कर चोरी करते हैं। वे सेल्समैन, मैकेनिक और इलेक्ट्रिशियन बनकर अपार्टमेंट घुस जाते हैं।

इनके पास है हर ताले की चाबी

सिटी में एक्टिव चोरों के गिरोह के सदस्य कुछ ही मिनट में कोई भी ताला खोल देते हैं। इसके अलावा वे सेंटर लॉक खोलने में भी एक्सपर्ट होते हैं। शटर को कटर से काटकर दुकान में घुस जाते हैं। वे घर में घुसने के बाद स्प्रे के जरिए घरवालों को बेहोश कर देते हैं। जिसके बाद वे आसानी से चोरी को अन्जाम देते हैं।

पुलिस नहीं करती गश्त

सर्दियों में चोरी और लूट की वारदात बढऩे के बाद भी पुलिस गश्त करने से बचती है। वे भी गश्त के नाम पर खानापूरी करते हैं। सर्दियों में ज्यादातर पुलिस पिकेट में सिपाही नदारत रहते हैं। जिसका सीधा फायदा चोरों को मिलता है।

रोज होती हैं औसतन तीन चोरियां

शहर में चोरी की घटनाओं का सिलसिला जारी है। आउट स्कट्र्स इलाकों में औसतन रोज दो से तीन चोरियां हो रही हैं। वहीं, सिटी के पॉश इलाकों में भी चोर एक्टिव हो गए हैं। स्वरूपनगर में धनतेरस के एक दिन पहले चोरों ने मोतीझील गेट के सामने मेन रोड पर घड़ी के शोरूम से नगदी और घडिय़ां पारकर पॉश इलाकों मे दस्तक दे दी है।

क्या करोगे रिपोर्ट दर्ज कराके

सिटी की पुलिस बमुश्किल चोरी की रिपोर्ट दर्ज करते है। वे चोरी की तहरीर देने वाले पीडि़त पर ही पुलिस के चक्कर में न पडऩे की सलाह देते हैं। अगर वो नहीं मानता है, तो पुलिस उससे ही उल्टे-सीधे सवाल करने लगते हैं। छोटी चोरी की तो पुलिस अनदेखी कर देती है। वे सिर्फ पीडि़त को संतुष्ट करने के लिए घटनास्थल पर जाकर खानापूरी कर वापस चले जाते हैं।

चोरों का रजिस्टर्ड गैंग

1- डी-68 दीपक गौतम गैंग: गैंग में घाटमपुर के इटर्रा गांव का रहने वाला दीपक, उन्नाव, सफीपुर का विजय और रमाबाई नगर बरौर थाने का राजेश संखवार शामिल है।

2- डी-83 नन्हे लंगड़ा उर्फ सूरज गैंग: गैंग में कल्याणपुर गूबा गार्डेन का नन्हे लंगड़ा, गोंडा कटरा का पप्पू शुक्ला, नवाबगंज का कमल किशोर, शिवराजपुर का राजू, नवाबगंज का संजय, शिवराजपुर का कमलेश और कल्याणपुर का मुकेश है।

पॉश इलाकों में दी दस्तक

चोरों की टोली पॉश एरिया में दस्तक दे चुकी है। शातिर चोरों ने कोतवाली, मॉल रोड, बिरहाना रोड, सिविल लाइंस, आर्यनगर, स्वरूपनगर, गुमटी एरिया जैसे पॉश इलाकों में वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। चोरी की वारदातों से तंग आ चुकी सिटी पुलिस अब तो रिपोर्ट दर्ज करने में भी टालमटोली करती है।

ये है उनके पसंदीदा स्पॉट

बर्रा, नौबस्ता, गोविंद नगर, बाबूपुरवा, कोतवाली, मूलगंज, स्वरूपनगर, नजीराबाद, बजरिया, सीसामऊ, फीलखाना, मॉल रोड, छावनी, बिठूर, नवाबगंज समेत आस

यहां लेते हैं पनाह

चोरों की टोली कल्याणपुर, रोशननगर, सीसीएस बस्ती, पनकी पांडु नदी के पास कॉलोनियों में, आउट स्कट्र्स एरियाज जैसे बिधनू, चकेरी, नौबस्ता, घाटमपुर, महाराजपुर, सचेंडी में शरण लेती है।

"चोरों के टारगेट पर तालाबंद मकान होते हैं। इसलिए घर छोडऩे से पहले पुलिस को जरूर इंफॉर्म करें। थाने में सूचना मिलने पर पुलिस के सिपाही गश्त के दौरान उस मकान पर नजर रखते हंै। सुरक्षा समिति भी बनवाई गई है, ताकि चोर पुलिस की गिरफ्त में हों."

यशस्वी यादव, एसएसपी

आउटस्कर्ट में सबसे ज्यादा

- कल्याणपुर में जनवरी से अब तक चोरी की 40 घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस महज पांच वारदातों का खुलासा कर पाई है।

- बर्रा में चोरी की छोटी-बड़ी 65 घटनाएं हो चुकी हैं।

- चकेरी में चोरी की 88 वारदातें हो चुकी हैं

-बाबूपुरवा में चोरों ने अब तक 35 चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है।

- कोतवाली चोरों ने सिविल लाइंस, परमठ जैसे एरियाज से 27 चोरी की वारदातों को अंजाम दिया।

- स्वरूपनगर और नजीराबाद से चोरों ने अब तक 90 घटनाओं को अंजाम दिया।

फॉर योर हेल्प

-घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठान में सीसी टीवी कैमरे लगवाएं

-घर पर ज्यादा कैश और ज्वैलरी न रखें, उन्हें बैैंक लॉकर में रखें

-घर के आसपास किसी अंजान को देखने पर पुलिस को सूचना दें

-सोने से पहले घर के मेन गेट का लॉक चेक कर लें।

-फैमिली समेत सिटी के बाहर जाने पर पुलिस को करें इंफॉर्म