क्या है मामला

एफएसएसएआई एक्ट के तहत एक जनवरी से खाद्य लाइसेंस बनवाने की प्रॉसेस पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई। इसके तहत व्यापारियों को वेबसाइट foodlicensing.fssai.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ रहा है। ट्रांसपेरेंसी के नजरिए से यह व्यवस्था सौ फीसदी बेहतर है लेकिन जो व्यापारी कम्प्यूटर फ्रेंडली नहीं है उनको काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। जिसका फायदा उठाकर मार्केट में सक्रिय दलाल उनसे पैसे ऐंठने का काम कर रहे हैं। साइबर कैफे के पर ऑवर 15 से 20 रुपए चार्ज की जगह व्यापारियों से दो से चार सौ रुपए तक वसूला जा रहा है।

साइबर कैफे की सांठगांठ से चल रहा है खेल

सिटी के कुछ साइबर कैफे गवर्नमेंट इस नई रुलिंग का जमकर फायदा उठा रहे हैं। दलालों से टाइअप होने के बाद वह व्यापारियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने का लालच देते हैं और फिर बाद में नियमों की आड़ में धन उगाही का खेल शुरू हो जाता है। हालांकि गवर्नमेंट द्वारा ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद करने का मेन रीजन भी यही था। व्यापारियों द्वारा फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट पर रजिस्ट्रेशन के बदले रिश्वतखोरी का आरोप लगाए जाने के बाद यह व्यवस्था लागू की गई थी।

ऐसे करवाइए रजिस्ट्रेशन

नए रूल के मुताबिक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान व्यापारियों को फॉर्म फिलअप करने के साथ फोटो, आईडी प्रूफ और चालान अपलोड करना होगा। इसके बाद उसे 31 मई के पहले अपना सालाना टर्नओवर की जानकारी भी देनी होगी। गलत टर्नओवर देने पर उसका लाइसेंस रद होने के साथ उसके खिलाफ लाखों रुपए का जुर्माना हो सकता है। डिस्ट्रिक्ट में अब तक 24 हजार में से सात से हजार के आसपास रजिस्ट्रेशन ही हो सके हैं। इन्हें हर हाल में चार फरवरी 2014 के पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

यह भी है शिकायत

व्यापारियों की शिकायत है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान अक्सर नेट की स्पीड स्लो होने की वजह से काफी टाइम लग जाता है। कभी-कभार तो साइट खुलने में इतनी दिक्कत होती है कि उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ता है। जिन्हें कम्प्यूटर चलाना नहीं आता, उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए दूसरों को सहारा लेने पर मजबूर होना पड़ता है।

अभी एक जनवरी से ऑनलाइन सिस्टम लागू हुआ है। व्यापारियों को इसकी जानकारी दी जा रही है। काफी स्लो रिस्पांस मिल रहा है। जिन्हें रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कत आ रही है वह विभाग से संपर्क कर सकते हैं। अगर कहीं धन उगाही शिकायत मिलती है तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हरिमोहन श्रीवास्तव, डीओ, फूड सेफ्टी एंड ड्रग डिपार्टमेंट

ऑनलाइन सिस्टम का फायदा उठाकर कुछ लोग व्यापारियों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। दलालों ने साइबर कैफे को मिलाकर व्यापारियों से धन उगाही शुरू कर दी है। जो व्यापारी कम्प्यूटर फ्रेंडली नहीं है उनसे दो से चार सौ रुपए की वसूली की जा रही है।

हिमांशु खरबंदा, अध्यक्ष, सर्व समाज उद्योग व्यापार मंडल इलाहाबाद