सेबी ने कसा शिकंजा

कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने मोबाइल एसएमएस और व्हाट्सऐप मैसेज के जरिए इनवेस्टर्स को ठगने वाले एक समूह पर जांच का शिकंजा कस दिया है. सेबी ने कल दो लोगों, मंसूर रफीक खांडा और फिरोज रफीक खांडा को इंव्सेटमेंट एजवाइजर के तौर पर काम करने से रोक दिया.

लोगों को एलर्ट किया सेबी ने

सेबी के अनुसार ये लोग इस रजिस्ट्रेशन बगैर इंवेस्टमेंट एडवाइजर के तौर पर काम कर रहे थे. लेकिन इन लोगों का काम इंवेस्टमेंट की सलाह देना नहीं था. ये लोग मैसेज भेज कर इंवेस्टर्स को उनके पास पैसे जमा करने के लिए आकर्षित करते थे. सेबी ने लोगों को सजग किया है कि वे इस तरह के मैसेज पर यकीन न हों और इनके आधार पर अपने इंवेस्टमेंट प्लान न करें. इंवेस्टर केवल उन्हीं सलाहकारों से सलाह लें जो सेबी के साथ रजिस्टर्ड हैं.

 

कैसे लूटा जाता था इंवेस्टर्स को?

सेबी ने पाया कि ये लोग मोबाइल एसएमएस और व्हाट्सऐप मैसेज के जरिए लोगों को अनऑथराइज्ड ट्रेडिंग टिप्स भेज रहे हैं. इन मैसेज के जरिए इंवेस्टर्स से इस बात का वादा किया जाता है कि शुरुआत में कुछ राशि लगाने के बाद उन्हें नियमित रूप से भारी रिटर्न मिलता रहेगा.   इन मैसेजों में इंवेस्टर्स को यह वादा किया गया था कि यदि वे 25,000 रुपये जमा करते हैं तो उन्हें 200 फीसदी का एश्योर्ड रिटर्न मिलेगा। इसके अलावा उन्हें ट्रेडिंग टिप्स का भी वादा किया जाता था. यही नहीं, इन मैसेज में निवेशकों को हर महीने 25-50 लाख रुपये के फायदे का भरोसा दिलाया जाता था. ये मैसेज कुछ मोबाइल नंबरों और कुछ वेबसाइट के जरिए भेजे जाते थे. सेबी ने इस स्कैम में और जांच के आदेश दिए हैं.

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