LUCKNOW : अगर आपके पास दो स्थानों की वोटर आईडी हैं तो सावधान हो जाएं। अगर यह गलती से हो गया है तो एक आईडी इलेक्शन आफिस में सरेंडर कर दीजिये नहीं तो इलेक्शन आफिस आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। यहां तक कि आपकेखिलाफ थाने में एफआईआर भी हो सकती है।

चीफ इलेक्शन ऑफिसर उमेश सिन्हा ने बताया कि डबल आईडी कार्ड यानी दो-दो जगहों की वोटर आईडी कार्ड रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पहले वोटर से खुद एक आईडी सरेंडर करने के लिए कहा जाएगा। ऐसा न करने वालों को डिपार्टमेंट नोटिस जारी करेगा। इसके बाद भी अगर वोटर एक जगह से नाम नहीं हटवाता तो इसे फ्राड माना जाएगा और संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी।

तैयार हो रहा है साफ्टवेयर

उमेश सिन्हा ने बताया कि इलेक्शन कमीशन इस बार ऐसे साफ्टवेयर पर डेटाबेस तैयार कर रहा है जिससे यह पता लगाना आसान होगा कि एक पर्सन का कितने स्थानों का वोटर आईडी कार्ड बनाया गया है। इसमें सिर्फ नाम को ही मैच नहीं कराया जाएगा। बल्कि फादर नेम, एज और फोटो से फेस का मिलान का आप्शन इलेक्शन कमीशन के साफ्टवेयर में इंटर करते ही साफ्टवेयर पूरी जानकारी कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दे देगा।

इसके बाद डिस्ट्रिक्ट लेवल पर इसे वैरीफाई कराया जाएगा कि फिजिकली वह पर्सन कहां रह रहा है। उसको नोटिस भेज कर एक जगह से नाम कटवाने के लिए कहा जाएगा। नोटिस देने के बाद भी अगर जवाब नहीं मिलता तो वोटर के खिलाफ इलेक्शन आफिसर की तरफ से एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी।

बन जाता है दो-दो कार्ड

ऐसा नौकरी पेशा लोगों के साथ अधिक होता है कि उनका एक स्थान पर आईडी कार्ड है और दूसरे स्थान पर पहुंचते ही वहां का आईडी कार्ड भी बन जाता है। ऐसे में न चाहते हुए भी एक पर्सन का दो-दो वोटर आईडी कार्ड बन जाता है। एग्जैम्पल के लिए किसी अधिकारी का ट्रांसफर वाराणसी से लखनऊ हो गया। वाराणसी में उसका वोटर आईडी कार्ड पहले ही बन चुका था। लखनऊ पहुंचने पर गवर्नमेंट ने उस अधिकारी को सरकारी मकान दिया। वोटर आईडी बनाने का कैंप लगा और उस अधिकारी का भी वोटर आईडी कार्ड बन गया। यानी उसके पास न चाहते हुए भी डबल वोटर आईडी कार्ड बन गया।

Misuse भी

इलेक्शन डिपार्टमेंट के एक अधिकारी की मानें तो वोटर आईडी कार्ड का सबसे ज्यादा मिस यूज सभासद और ग्राम प्रधान इलेक्शन में होता है। एक-एक व्यक्ति का दो-दो या दो से ज्यादा गांवों या वार्ड का आईडी कार्ड बन जाता है। जो दोनों गांवों में प्रधान चुनने में अपनी भूमिका तय करता है। जबकि छोटे स्तर के चुनाव में कंडीडेट के हार जीत का फैसला अक्सर दो-चार वोटों से होता है। इन पस्थितियों में ऐसे वोटरों की खरीद फरोख्त भी होती है। आगामी विधान सभा चुनावों में भी ऐसे वोटर असर डाल सकते हैं इसलिए इलेक्शन कमीशन ने यह कदम उठाया है।

जनवरी तक मिल जाएंगे सभी के वोटर आईडी कार्ड

चीफ इलेक्शन आफिसर ने बताया कि जिन लोगों ने अक्टूबर और नवम्बर में डिफरेंट बूथ्स पर लगे कैंप में वोटर आईडी बनवाने के लिए एप्लीकेशन दिया है, और जिनका वोटर आईडी कार्ड अभी तक नहीं पहुंचा है। जनवरी के अंत तक सभी का वोटर आईडी कार्ड मिल जाएगा।

दो वोटर लिस्ट में नाम भी गलत

ऐसा नहीं है कि एफआईआर सिर्फ कार्ड धारकों के खिलाफ होगी। अगर आपका नाम दो जगहों की वोटर लिस्ट में है और आप इसकी सूचना इलेक्शन कमीशन को नहीं देते तो इसे भी फ्रॉड समझा जाएगा।

Reported By : Yasir Raza