क्योंकि सिटी में कई जगहों पर ऐसे गढ्ढे खोदे जा रहे हैं और इन गड्ढों के पास वार्निंग साइन भी नहीं लगाए गए हैं। इस वजह से लोगों का इन गड्ढों में गिरने का खतरा बना रहता है। मेन रोड़ पर भी आपको कई ऐसे गड्ढे बिना इंडिकेटिंग साइन के नजर आ जाएंगे। साकची से मानगो जाने वाले रूट पर गांधी घाट के पास मेन रोड के किनारे वायर बिछाने का काम चल रहा है। उसके लिये सडक़ पर करीब 300 मीटर की लंबाई में खुदाई की गई है। पर वहां किसी भी तरह का वार्निंग बोर्ड नहीं लगाया गया है। इस रोड पर दिन के साथ रात में भी हैवी ट्रैफिक रहता है। ऐसे में गड्ढो के पास किसी भी तरह का वार्निंग बोर्ड न होने के कारण एक्सीडेंट क ा खतरा बढ़ जाता है। डिमना रोड़ में भी शंकोसाई के सामने मेन रोड़ पर कई गड्ढे देखे जा सकते हैं। इनके पास भी लोगों को सचेत करने का कोई साइन बोर्ड नहीं लगा हुआ है और न ही कोई सेफ्टी लाइन बनाई गई है।

खुदाई कार्य के वक्त उस जगह पर सावधानी बोर्ड लगाना कम्पलसरी है। अलर्ट बोर्ड या फ्लूरोसेंट लाइट के एबसेंस में अक्सर रात को खतरा बढ़ जाता है। अगर ऐसे में कोई घटना होती है तो उस घटना का जिम्मेदार कॉनट्रैक्टर होगा और उस पर सख्त एक्शन लिया जायेगा।
राकेश मोहन सिन्हा, ट्रैफिक डीएसपी  

कई बार रात के वक्त या कम लाइट होने पर सडक़ो पर कम दिखाई पड़ता है जिससे एक्सीडेंट होने के चांसेज ज्यादा होते हैं।
अनिमेश कुमार,स्टूडेंट

गड्ढों के आसपास साइन बोर्ड के ना होने से गढ्ढो का पता ठीक से नहीं चलता और एक्सीडेंट हाने की संभावना बढ़ जाती है।
अमन माहेश्वरी, स्टूडेंट