वेट और स्ट्रेस को कम करने में कुछ खास आसन इम्पॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं. आईआईटी, कानपुर में योगा एक्सपर्ट एसएल यादव बता रहे हैं कुछ योगासनों के बारे में जिन्हें रेग्युलर कर डायबिटीज के रिस्क को कम किया जा सकता है...
उध्र्वहस्तोत्तानासन
Concentration: झुकते वक्त कमर के दोनों साइड
Repetitions: दो-दो बार दोनों तरफ
दोनों पैर मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं. दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर ऊपर की तरफ खींचते हुए कमर के ऊपर वाले भाग को पहले बाईं ओर झुकाएं, दो मिनट तक इसी पोजिशन पर रुकें. फिर खड़े हो जाएं. अब इसे दाहिने तरफ करें.
Precautions: झुकते वक्त सांसों को सामान्य कर लें.
Benefits: यह आसन पेट पर प्रेशर डालता है. ओबेसिटी को कंट्रोल करता है.
पश्चिमोत्तानासन
Concentration: पीठ पर होगा
Repetitions: इसे एक बार ही करें, ड्यूरेशन बढ़ाएं
पीठ में खिंचाव देना ही पश्चिमोत्तानासन कहलाता है. पैरों को सीधा कर जमीन पर बैठ कर दोनों हाथों को सामने फैला दें. अब सामने की ओर झुकते हुए दोनों पैरो के अंगूठे को पकडऩे की कोशिश करें. फिर नाक से घुटने को टच करने की कोशिश करें. इसे 1-5 मिनट ड्यूरेशन तक करने की कोशिश करें.
Precautions: कमर दर्द और गर्दन दर्द में इसे अवॉइड करें. कुछ खाने के बाद इसे करने से तुरंत नुकसान हो सकता है.
Benefits: यह एब्डॉमिनल एरिया पर अच्छा प्रेशर डालता है. वेट लॉस में यह इफेक्टिव होता है. मेंटल स्ट्रेस से राहत दिलाने में इम्पॉर्टेंट रोल प्ले करता है.
नौकासन
Concentration: नाभी पर होगा
Repetitions: इसे एक बार ही करें, ड्यूरेशन बढ़ाएं सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं. दोनों हाथों को नमस्कार के पोजिशन ले जाएं और पैरों को भी पूरी तरह से मिलाते हुए. हाथ के अंगूठे को आपस में फंसा कर हथेली को लॉक कर दें. चिन को जमीन से टिका दें और अंगूठे ही तरफ देखते रहें. सांस अंदर लेते हुए आगे से सिर, कंधे और दोनों हाथ और पीछे से दोनों पैरों को ज्यादा से ज्यादा उठाने की कोशिश करें, जिससे बॉडी का पूरा वेट नाभी के आसपास आ जाए. कुछ देर रुकने के बाद नॉर्मन ब्रीदिंग के साथ पहले की पोजिशन में आ जाएं.
Precautions: हार्निया, एपेंडिस्क के पेशेंट इसे अवॉइड करें. पेट का ऑपरेशन और हाई बीपी में भी इसे न करें.
Benefits: वेट कम करने, माइंड को रिलैक्स करता है.
अद्र्धमत्स्येंद्रासन
Concentration: पीठ पर
Repetitions: एक-एक बार दोनों साइड
सबसे पहले दोनों पैरों को सीधा कर जमीन पर बैठ जाएं. एक पैर को मोडक़र इस तरह बैठें कि एड़ी दोनों पैरों के बीच में आ जाए (पिक देखें), फिर दूसरे पैर को उठाकर अपोजिट डायरेक्शन में रख दें. अब ऊपर वाले पैर के अपोजिट हाथ को पैर के ऊपर से ले जाकर पंजे को पकडऩे की कोशश करें. इसके बाद दूसरे हाथ को पीठ पर रखते हुए गर्दन उसी तरफ मोडक़र बॉडी के अपर पार्ट को ज्यादा से ज्यादा घुमाने की कोशिश करें. इस पोजिशन पर 2-5 मिनट तक रुकें. दोनों साइड रिपीट करें.
Precautions: घुटने और हिप में पेन हो तो इसे अवॉइड करें.
Benefits: यह आसन पेट पर प्रेशर डालता है. ओबेसिटी को कंट्रोल करता है.
मत्स्यासन
Concentration: नाभी पर होगा
Repetitions: इसे एक बार ही करें, ड्यूरेशन बढ़ाएं इस आसन का आकार मझली के सामान होता है. पद्मासन लगाकर पीठ के बल लेट जाएं और सिर के पीछे वाले भाग को जमीन से लगाएं. अब कमर वाले भाग को ज्यादा से ज्यादा उठाते हैं जिससे जमीन से सिर्फ सिर और घुटना लगा रहे. फिर दोनों हाथों से पैरों के अपोजिट अंगूठे को पकड़ते हैं. नॉर्मल ब्रीदिंग के साथ पहले वाले पोजिशन में आएं.
Precautions: घुटने में दर्द हो तो इसे अवॉइड करें. लेटने पर दर्द हो तो किसी की मदद लें.
Benefits: बॉडी को लचीला बनाने में यह आसन हेल्पफुल होता है. वेट लॉस में यह इफेक्टिव होता है.