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PRAYAGRAJ: किसी कार्य में सफलता अनवरत प्रयास का नतीजा होती है. सफलता के लिए दिन रात 'हवन' होना पड़ता है. यूं ही कोई सफलता के पायदान नहीं चढ़ता. यह कहना है यूपी बीएड एंट्रेंस के टॉपर विनोद कुमार दुबे का. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक पड़ाव है. मंजिल सिविल सर्विसेज में सेलेक्शन पाना है और इसके लिए प्रयास लगातार जारी है. विनोद अपनी सफलता का श्रेय वाइफ, फैमिली मेम्बर्स के साथ फ्रेंड्स के सहयोग और मार्गदर्शन को देते हैं.

बड़े भईया बने मार्गदर्शक
मूल रूप से भदोही जिले के रहने वाले विनोद दुबे छह भाईयों में सबसे छोटे हैं. वह बड़े भाई प्रमोद दुबे को अपना मार्गदर्शक मानते हैं. प्रमोद एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद दिल्ली में रहते हैं. विनोद के पिता सुरेंद्र नाथ दुबे जीआईसी के प्रिंसिपल पद से रिटायर हो चुके हैं. मां प्रभा देवी हाउस वाइफ हैं. विनोद कहते हैं कि हमारा संयुक्त परिवार है. इसके चलते कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं हुई. बड़े भाईयों ने हमेशा सपोर्ट किया है. वह प्रयागराज के गोविंदपुर इलाके में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं.

पत्‌नी को बनना है टीचर
विनोद पीसीएस अधिकारी बनना चाहते हैं तो उनकी पत्‌नी साधना दुबे टीचर बनने की तैयारी में जुटी हैं. एक साल पहले हुई शादी को भी विनोद लकी मानते हैं. कहते हैं कि मेरी सफलता में पत्‌नी का सपोर्ट भी शामिल है. वह पीसीएस 2017 के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं और पीसीएस 2018 में शामिल होने की तैयारी में जुटे हैं. एक बार आईएएस का मेंस भी दे चुके हैं. विनोद यूजीसी नेट भी क्वालिफाई कर चुके हैं. कहते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में हार नही माननी चाहिए. कई बार हालात भटकाने की कोशिश करते हैं. ऐसे में दोस्तों का साथ जरूरी होता है. मुझे मेरे दोस्तों ने हमेशा सही रास्ता दिखाया है.

नाम- विनोद कुमार दुबे

पिता- सुरेंद्रनाथ दुबे

माता- प्रेमा देवी

शिक्षा

इलाहाबाद विवि से प्रथम स्थान में बीए और एमए (प्राचीन इतिहासस)

पत्‌नी- साधना दुबे