-बीट कॉन्सटेबल एप के जरिए फीड कर रहे एरिया की डिटेल

-एप पर फोटो या मैसेज डालते ही अधिकारियों के पास पहुंचेगी सूचना

BAREILLY: क्राइम कंट्रोल में अहम रोल निभाने वाले बीट पुलिसिंग सिस्टम को अब मॉर्डनाइज किया जा रहा है। अब बीट की मॉनिटरिंग एप से होगी और सीरियस केस में ऑफिसर्स बस एक मैसेज पर गूगल मैप के जरिए लोकेशन ट्रेस कर मौके पर पहुंच जाएंगे। बीट में तैनात सिपाहियों के लिए बीट पुलिसिंग एप तैयार किया गया है, जिस पर डाटा फीडिंग के साथ ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है। पुलिस हेडक्वार्टर से जल्द से जल्द एप डाउनलोड कर प्रैक्टिस के निर्देश दिए गए हैं।

अभी बीट बुक में लिखना होता है

पुलिस की अहम कड़ी बीट सिस्टम है। अभी तक बीट सिस्टम के तहत सभी थानों में सिपाहियों की बीट निर्धारित होती है। बीट के सिपाही को अपने एरिया की पूरी जानकारी रखनी होती है। उसके पास एक बीट बुक भी होती है, जिसमें उसे अपने वर्क को भी लिखना होता है लेकिन अधिकांश बीट के सिपाही इसमें लापरवाही बरतते हैं।

चेकिंग व गश्त की देनी होगी जानकारी

मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी, स्मार्टफोन, मोबाइल एप, सोशल मीडिया का अधिक यूज हो रहा है। यही वजह है कि अब बीट सिस्टम को भी बीट पुलिसिंग एप के जरिए सरल बनाया जा रहा है। एप में सिपाही का नाम, थाना, मोबाइल नंबर फीड होगा। वह मोबाइल नंबर पर ओटीपी के जरिए इसको चला सकेगा। सिपाही को एप में बीट में जाने पर बैंक, एटीएम, पेट्रोल पंप की चेकिंग, मार्केट, मेले व अन्य क्राइम संभावित एरिया में गश्त, क्रिमिनल्स और हिस्ट्रीशीटर्स की चेकिंग, सभी तरह के क्राइम में स्पॉट पर जाकर उसकी इनफॉरमेशन देना शाि1मल होगा।

सीनियर्स के पास पहुंचेगा मैसेज

बीट सिपाही जैसे ही कोई सूचना एप पर डालेगा तो मैसेज संबंधित थाना प्रभारी, सीओ, एसपी व एसएसपी तक तुरंत पहुंच जाएगा। जैसे ही सिपाही एप में मौजूद जघन्य कॉलम पर क्लिक करेगा, वैसे ही मैसेज रेंज, जोन और डीजीपी हेडक्वार्टर तक फोटो और ऑडियो सहित पहुंच जाएगी। इस एप में क्राइम मैपिंग सिस्टम भी होगा, जिससे क्राइम संबंधित एरिया की भी पूरी जानकारी एक क्लिक पर मिल जाएगी।

एप से ही दे सकेंगे निर्देश

इस एप में स्पॉट की लोकेशन का मैसेज गूगल मैप के जरिए पहुंच जाएगा। गूगल मैप लोकेशन पर क्लिक करते ही अधिकारी गूगल मैप पर घटना स्थल देख सकता है और वहां अपने आप मौके पर भी पहुंच जाएगा। गूगल मैप पर ही अपराधियों के भागने के रास्ते, साम्प्रदायिक मामलों में आस पास के गांव व मोहल्ले व वहां फोर्स भेजने, नाकाबंदी करने आदि देखकर निर्देश दे सकता है। इसके अलावा कोई भी मैसेज अधिकारी इस एप के जरिए पुलिसकर्मियों तक पहुंचा सकेंगे।