- मल्किा-ए-तरन्नुम बेगम अख्तर की याद में गजलों की सजी महफिल

-लोगों ने उठाया गजलों का लुत्फ

LUCKNOW: मल्लिका-ए-तरन्नुम और ठुमरी दादरा की बेहतरीन गजल गायिक बेगम अख्तर की याद में कैसरबाग स्थित राय उमानाथ बली प्रेक्षा गृह में नाज-ए-लखनऊ बेगम अख्तर श्रद्वांजलि व सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें सारेगामापा मे जज की भूमिका में शामिल हो चुके मशहूर गजल गायक उस्ताद मजीद खां को बेगम अख्तर अवार्ड से नवाजा गया।

कार्यक्रम में पहुंचे संगीत के पारंगत कलाकार

रौनक-ए-महफिल बेगम अख्तर की याद में आयोजित गजल-ए-महफिल में मुख्य अतिथि के रुप में पदमश्री प्रो। आसिफ जमानी व विशिष्ठ अतिथि के रुप में इतिहासकार योगेश प्रवीन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सम्मान पाने वाले अब्दुल मजीद खां के अलावा गजल गायकों में सुमति श्रीवास्तव देवेश चतुर्वेदी व शोभित मिश्रा मौजूद थे।

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया

कार्यक्रम में हर कलाकार नें अपने अंदाज में गजलों की प्रस्तुति दी। सभागार में बैठे गजलों को शौकीन लोगों ने इस महफिल का भरपूर लुत्फ उठाया। कार्यक्रम की शुरुआत गजल गायिका सुमति ने 'ए मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया' व बेगम अख्तर की महशूर गजल हमरी अठरिया पे आजा ओ संवरिया'गाकर किया। हर प्रस्तुति पर दर्शक तालियां बजा कर कलाकारों की इज्जत अफजाई करते रहे और गजलों का सिलसिला एक के बाद एक चलता रहा.इन फनकारों का सांरगी पर विनोद मिश्र गिटार पर राकेश अयाज व तबले पर सुभाष लाले ने बखूबी साथ दिया।