Lucknow:  बैरक 7/43 में अलग-अलग जुर्म के करीब तीस मुजरिम बंद हैं। दोपहर के वक्त जुआ शुरू होता है। कुछ खेलते हैं तो कुछ देखते हैं। मैं भी खेल रहा था। मैं एक पुराने दबंग कैदी के सारे पैसे मैं जीत जाता हूं। बाद में वो मुझसे पैसे वापस मांगता है लेकिन मैंने उसे पैसे नहीं दिये। उसी रात जब मैं सो रहा था अचानक मेरे चेहरे पर कोई खौलती हुई चीज गिरी।
मैंने देखा वही दबंग कैदी मेरे चेहरे पर कोई जलती हुई चीज डाल रहा है जबतक मैं समझ पाता तब तक दर्द से मैं अपने होश खो चुका था ये कहना है मदन कुमार गुप्ता का जो बंद तो चोरी में जुर्म में हैं लेकिन जेल में उसे मौत के घाट उतारने की कोशिश की गई एक दबंग कैदी को पैसे ना देने के जुर्म में। आपने फिल्मी परदे पर कई बार ऐसी कहानियों को देखा होगा जिसमें जेल जुर्म का अड्डा नजर आता है लेकिन यहां तो कहानी रियल है.
प्लास्टिक पिघला कर डाला
मंगलवार को पेशी पर कोर्ट लाए गये मदन जिसका हाथ सुरक्षा कर्मी के हाथ में था और वो उसे बस यही कह रहा था चलो रुको नहीं रुको नहींलेकिन मदन किसी भी तरह अपनी बात पूरी कर रहा था। मदन ने बताया कि दो महीने पहले की बात है मनोज कालिया नाम के एक कैदी के पैसे मैंने जुए में जीते थे। बाद में उसने कहाकि आज उसके पास नशा करने के पैसे नहीं है इसलिए जीते हुए पैसे वो उसे वापस कर दे.
मैंने कहा कि जीते हुए पैसे मैं वापस नहीं दूंगा तो मनोज कालिया ने कहा कि मैं बताऊंगा तुम्हे। उसी रात मैं कम्बल ओढ़े सो रहा था तो मनोज ने प्लास्टिक के डोंगे को पहले  पिघलाया और फिर मेरे चेहरे पर डाल दिया। अगर मैं सीधा लेटा होता तो शायद मेरी आंखे भी चली गई होती। मेरा आधा चेहरा अब खराब हो चुका है और कोई इलाज भी नहीं हो रहा है।
कोई तारीख ही नहीं लगी
आशियाना में रहने वाले मदन पर चोरी का मामला दर्ज है। करीब छह महीने से तारीख पर तारीख हो रही है। मदन की मां सावित्री देवी ने बताया कि दो महीने पहले मदन की तारीख थी। हम लोग उससे हर बार की तरह मिलने आए थे, लेकिन वो नहीं आया। हम लोग फिर जेल मिलाई के लिए गये। पहले तो मिलाने से मना किया जब बहुत रोए तो मिलाया.
तब हमें पता चला कि मेरे बेटे के साथ ऐसा हो गया है। अब तो जख्म बहुत सूख गया है पहले तो देखा भी नहीं जाता था। हमने इलाज की एप्लीकेशन दी है ताकि उसका चेहरा सही हो जाए, लेकिन जेल प्रशासन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
अब तो जीने का मन नहीं करता
मदन के भाई महेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया कि जलने के बाद से उसे जल्दी से किसी से मिलने ही नहीं दिया जाता। उन्होंने कहाकि जिसने उनके भाई को जलाया है वो कैदी जेल प्रशासन की शह पर अक्सर दूसरे नये कैदियों के साथ मारपीट करता है। बाद में जेल के कुछ अफसरों ने मेरे भाई को धमकी भी दी अगर ये बात किसी को बताया तो इससे भी बुरा हाल करेंगे।
मेरा भाई जबसे जला है वो यही कह रहा है कि वो मेरे साथ कुछ भी कर सकता है, मेरी जिंदगी वहां खतरे में है। वो दो बार जेल में फांसी लगाने की कोशिश कर चुका है।

ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी मेरे पास नहीं है। अगर आप कह रहे हैं तो इसे चेक करायेंगे और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शरद
डीआईजी जेल, लखनऊ

Reported By: Zeba Hasan