- बेली हॉस्पिटल में दलालों की सक्रियता पर लगाम लगाने की तैयारी

- पांच दिन की दवा देने का है प्रावधान, दूसरे मरीजों को होती है परेशानी

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- बेली हॉस्पिटल में दलालों की सक्रियता पर लगाम लगाने की तैयारी

- पांच दिन की दवा देने का है प्रावधान, दूसरे मरीजों को होती है परेशानी

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: बेली हॉस्पिटल में दलालों की सक्रियता पर लगाम लगाने की कोशिश शुरू हो गई है। हॉस्पिटल प्रशासन ने दवाओं की बर्बादी को रोकने के लिए अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत मरीजों को नियमानुसार पांच दिन की दवा ही उपलब्ध कराई जाएगी। वर्तमान में इसके उलट दलालों के दखल के चलते दस से पंद्रह दिन की दवा दी जा रही है। इससे इलाज के लिए आने वाले दूसरे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सीमित होता है दवाओं का स्टाक

सरकारी हॉस्पिटल्स में दवाओं का बजट सीमित होता है। इसी पैसे में पूरे साल मरीजों को दवाएं उपलब्ध करानी होती हैं। ऐसे में नियमानुसार मरीजों को एक बार में पांच दिन की दवा दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन हॉस्पिटल में दलालों व बिचौलियों की सक्रियता के चलते अक्सर ऐसा नहीं हो पाता। स्टाफ और दलालों की मिलीभगत के चलते मरीजों को मनमाने तरीके से दस से पंद्रह दिन की दवा उपलब्ध करा दी जाती है। ऐसे में जरूरी दवाएं समय से पहले खत्म हो जाती है और दूसरे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

रखी जा रही है कड़ी नजर

पिछले कुछ दिनों से हॉस्पिटल में दलालों की सक्रियता पर नजर रखी जा रही है। सीएमएस डॉ। वीके सिंह ने बताया कि दवाओं का स्टाक लगातार चेक किया जा रहा है। स्टाफ को पांच दिन से अधिक की दवा नहीं दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। खासतौर से जीवन रक्षक दवाओं के स्टाक को रेगुलर चेक किया जा रहा है। इसके अलावा एक्सरे और अल्ट्रासाउंड सेक्शन में भी केवल बीपीएल मरीजों की ही फ्री जांच की जा रही है। इसके अलावा आने वाले मरीजों से शासन द्वारा निर्धारित शुल्क वसूल किया जा रहा है। हॉस्पिटल में बनी पुलिस चौकी को भी दलालों पर लगाम लगाने के लिए कहा गया है। जिसके चलते पुलिस अपनी पैनी निगाह बनाए हुए है।