- काशी को जापान के शहर क्योटो की तर्ज पर डेवलप करने के लिए दोनों शहरों के प्रतिनिधि बैठे आमने-सामने

-गंगा दशहरा समेत कई पर्व मिलाकर मनाया जाएगा लंबी अवधि का मेला

VARANASI : काशी को जापान के शहर क्योटो की तर्ज पर डेवलप करने के लिए मंगलवार को दिल्ली में शहरी विकास मंत्रालय में दोनों शहरों के प्रतिनिधि आमने-सामने बैठे। इसमें विचार-विमर्श किया गया कि काशी को क्योटो से और क्योटो को काशी से क्या अपेक्षाएं हैं। इस दौरान ढेरों विषयों पर डिस्कशन व डेवलपमेंट से जुड़े तमाम इश्यूज पर मंथन हुआ। इस मीटिंग में चर्चा हुई कि काशी में मनाई जाने वाली बुद्ध पूर्णिमा (वैशाखी) को क्योटो के लोकप्रिय उत्सव 'मांगा एनिमे फेयर' की तर्ज पर विस्तार दिया जाए। जबकि गंगा दशहरा आदि आयोजनों को भी इसी कड़ी में जोड़ा जाए।

लागू हो 'होर्डिग फ्री' पॉलिसी

काशी के विकास के लिए हुई बैठक में तय किया गया कि काशी की धरोहर व कल्चर किसी तरह से प्रभावित न हो इसके लिए जरूरी है कि पूरे शहर में 'होर्डिग फ्री' पॉलिसी लागू की जाए। इसके अलावा कुछ ऐसी कार्ययोजना तैयार की जाए जिससे वर्ष पर्यत उत्सव का माहौल रहे जो पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। इसमें वॉटर स्पोर्ट्स जैसी प्रतियोगिताओं आदि को शामिल करने की बात हुई। इस क्रम में अन्य स्थानीय उत्सव व पर्वो को भी शामिल किया जाएगा। केंद्रीय सचिव ने नगर आयुक्त से कहा कि साफ-सफाई ऐसी रहे कि कहीं कोई तिनका न दिखे। क्योटो के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने अपने यहां प्रबंधन से कूड़ा-कचरा का स्तर ब्ख् फीसद तक कम किया है। उसी कार्ययोजना को काशी में भी लागू कर यहां कचरे की समस्या पर काम किया जाएगा।

महापौर होंगे अध्यक्ष

काशी में होने वाले विकास कार्यो के लिए समन्वय समिति बनाई जाएगी जिसकी अध्यक्षता महापौर करेंगे। इसी तरह से दोनों शहरों के बीच बनने वाली संयुक्त टीम का नेतृत्व केंद्रीय संयुक्त सचिव बागले करेंगे। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव शंकर अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में काशी से महापौर राम गोपाल मोहले, बीएचयू के कुलपति प्रो। जीसी त्रिपाठी, नगर आयुक्त उमाकांत त्रिपाठी और वीडीए उपाध्यक्ष सर्वज्ञराम मिश्र शामिल थे। जबकि जापान की ओर से काउंसलर मासे व क्योटो के रिप्रेजेंटेटिव प्रेजेंट थे।