बेरंग न कर दे ये रंग

-होली मिलन समारोहों में महंगा पड़ सकता है चुनाव प्रचार

-चुनाव आचार संहिता के दायरे में आ सकते हैं प्रत्याशी

ALLAHABAD: होली का माहौल बन चुका है। एक-दूसरे को रंगों से सराबोर करने के लिए लोग तैयार हैं, लेकिन होली की यह मस्ती राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों को भारी पड़ सकती है। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी प्रत्याशी का प्रचार के परपज से होली मिलन समारोहों में शामिल होना महंगा साबित होगा। ऐसा होने पर समारोह का पूरा खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्चे में शामिल कर लिया जाएगा।

तैयारी तो पूरी कर ली है

सिर पर लोकसभा चुनाव और फिर होली का त्योहार। प्रत्याशियों के लिए लोगों से मिलने का इससे बेहतर मौका और कोई दूसरा नहीं हो सकता। लेकिन, इसे कैश करने के लिए उन्हें होशियारी बरतनी होगी। किसी भी होली मिलन समारोह में उनके शामिल होने पर रोक नहीं है, बस वह प्रचार नहीं कर सकते। अगर वह ऐसा बिना परमिशन के करते हैं तो शिकायत पर वह चुनाव आचार संहिता के दायरे में आ सकते हैं.निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चुनावी माहौल पर पूरी नजर रखी जा रही है। खुद अधिकारी भी आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर सतर्क हैं। ऐसे में प्रत्याशियों की जरा सी चूक उनके लिए सिरदर्द साबित हो सकती है।

किन चीजों पर है रोक

चुनाव आचार संहिता के अनुसार किसी भी तरह के होली मिलन समारोह में किसी दल या प्रत्याशी के पोस्टर लगाना, प्रचार से संबंधित अन्य सामग्री प्रदर्शित करना, बैनर लगाना, होर्डिग व कट आउट लगाना प्रतिबंधित है। नियमानुसार किसी भी धार्मिक स्थान या सार्वजनिक उत्सव का प्रयोग भी राजनीतिक परपज से नहीं किया जा सकता है। ऐसे समारोहों में प्रत्याशी के रूप में शामिल नहीं हुआ जा सकता है। मंच पर किसी प्रत्याशी का परिचय कराने या उसके भाषण देने पर रोक लगाई गई है।

शुरू हो गया मिलन समारोह का दौर

बता दें कि अभी तक भाजपा को छोड़कर कांग्रेस ने फूलपुर व सपा-बसपा ने दोनों सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। उधर, त्योहार के चलते होली मिलन समारोहों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। मंडे के बाद शहर में ऐसे आयोजनों की बाढ़ सी आ जाएगी। ऐसे में प्रत्याशियों को समारोह में प्रचार के लिए परमिशन लेनी होगी। चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ तो समारोह का पूरा खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्चे में जोड़ दिया जाएगा।

आचार संहिता के पालन के लिए अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दे दिए गए हैं। अगर ऐसे समारोहों में कोई प्रत्याशी प्रचार करेगा तो इस आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। बिना परमिशन इस तरह की इजाजत नहीं दी जा सकती।

अशोक कुमार, एडीएम सिटी