-साइंटिफिक सेमिनार में एक्सप‌र्ट्स ने रखी अपनी राय

ALLAHABAD: पिछले दो दशकों से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज तेजी से बदला है। मॉलीक्यूलर डायग्नोसिस की सुविधा होने से मरीज का इलाज बेहतर तरीके से कर सकते हैं। यह बात कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। राधारानी घोष ने कही। वह रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आयोजित सेमिनार चेंजिंग कांसेप्ट इन मैनेजमेंट ऑफ ब्रेस्ट कैंसर पर बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि देश में ब्रेस्ट कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।

ट्रिपल निगेटिव को है लाभ की संभावना

उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की अपेक्षा भारत में कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर डायग्नोस हो रहा है जो चिंता की बात है। हालांकि, अधिकतर मरीज ट्रिपल निगेटिव मिल रहे हैं जिनको कीमोथेरेपी से लाभ मिलने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के मरीज की उत्तरजीविता पहले से बढ़ी है। स्टेज वन के मरीज की दस वर्ष तक जीवित रहने का अवसर 95 फीसदी तक रहती है। इसके पहले सेमिनार की अध्यक्षता एएमए उपाध्यक्ष डॉ। सुजीत सिंह ने की। चेयरपर्सन पद्मश्री डॉ। बीपाल थेलियथ थे और संचालन वैज्ञानिक सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता ने किया। वित्त सचिव डॉ। बीके मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।