- सोसाइटी के सभी वर्गो को मिली बजट में बराबर की जगह

- पिछले साल की बजट की तुलना में एनईआर को मिला 50 प्रतिशत अधिक फंड

- नहीं रुकेंगे विकास के काम, समय से पूरे होंगे प्रोजेक्ट्स

GORAKHPUR: इस साल का रेल बजट सभी वर्गो को ध्यान में रखकर पेश किया गया है। इसी का नतीजा है कि सन 2020 तक सिर्फ एनईआर ही नहीं बल्कि इंडियन रेलवे की विश्व में एक अलग पहचान होगी। यह बातें गुरुवार को एनई रेलवे के जीएम राजीव मिश्र ने कही। वह रेल बजट पेश होने के बाद अपने सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिर्फ नई ट्रेंस चलाना ही रेलवे का मकसद नहीं है, बल्कि पैसेंजर्स की सुविधा और उन्हें सुरक्षित तरीके से उनके गंतव्य तक पहुंचाना ही हमारी प्राथमिक्ता है।

विकास के लिए 1333 करोड़

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जो ट्रेंस चल रहीं है, अगर वही ट्रेंस अपने निर्धारित समय पर और सही से चलने लगे तो हमारे लिए यह एक बड़ी कामयाबी होगी। रेल बजट पर चर्चा करते हुए जीएम ने कहा कि बजट इस बार रेलवे के सभी क्षेत्रों में कुछ न कुछ नया करने की तैयारी है। इसके लिए एनईआर के खाते में 1333 करोड़ मिला है। जोकि पिछले साल की तुलना में करीब 50 प्रतिशत अधिक है। इससे हम बिना माल भाड़ा बढ़ाए अपने सभी प्रोजेक्ट्स को समय से पूरा कर सकेंगे। साथ ही इसमें सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसका लाभ भी सोसाइटी के सभी वर्गो को मिलेगा।

2020 की परिकल्पना पर है बजट

जीएम राजीव मिश्र ने कहा कि इस बार के रेल बजट में रेलवे का बेहतर भविष्य नजर आ रहा है। इससे पहले के बजट में प्रोजेक्ट्स तो शुरु हो जाते थे, लेकिन बाद में फंड के अभाव में उसे पूरा करने में काफी वक्त लग जाता था। ऐसे में समय ज्यादा लगने की वजह से बजट की राशि भी बढ़ती चली जाती थी। इसीलिए इस बार का बजट 2020 की परिकल्पना कर तैयार किया गया है। ऐसे में पर्याप्त फंड होने से किसी भी प्रोजेक्ट्स में रूकावट नहीं आएगी और सभी काम भी समय से होंगे।

पटरियों पर जगह नहीं

नई ट्रेंस के एनईआर की पटरियों पर दौड़ने की बात करते हुए जीएम ने कहा कि फिलहाल यह संभव नहीं है कि इनमें से कोई भी नई ट्रेन एनईआर की पटरियों पर दौड़ सके। गौरतलब है कि रेल बजट में तीन नई ट्रेंस व व्यस्त रूट्स पर डबल डेकर एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की बात है। रेल बजट में पैसेंजर्स सुविधा को देखते हुए भले ही तीन नई ट्रेंस शुरु की गई है, लेकिन इनमें से एक भी ट्रेन एनईआर की पटरियों पर नहीं दौड़ सकती। क्योंकि एनईआर की पटरियां अभी मानक के विपरित है। यह सभी नई ट्रेंस की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जबकि एनईआर की पटरियों की क्षमता सिर्फ 110 किलोमीटर प्रतिघंटा ही है।

हैं तैयार हम

- फंड अधिक होने से समय से पूरे होंगे सभी प्रोजेक्ट्स

- ट्रेंस की स्पीड बढ़ाने पर दिया जाएगा विशेष जोर

- जनरल कोच में भी होगा डेस्टविन व चार्जिग प्वाइंट

- सीनियर सिटीजन के लिए होगी 50 प्रतिशित लोअर बर्थ

- महिलाओं का आरक्षण बढ़कर होगा 33 प्रतिशत

- ट्रेंस में जल्द ही मिलेगा डिस्पोजेबल बेडरोल

- सहजनवां-दोहरीघाट पर नई रेल लाइन का होगा विस्तार

- इलेक्ट्रिक शेड के लिए शुरु होगा 65 करोड़ का प्रोजेक्ट

- 0 प्रतिशत एक्सिडेंट लक्ष्य के लिए भी शुरु होगा काम

मैं इस बजट से पूरी तरह खुश हूं। इस बार के बजट से हम बहुत कुछ नया कर सकेंगे और आने वाले समय में इंडियन रेलवे को विश्व में एक अलग पहचान दिलाएंगे। पैसेंजर्स सुविधा ही इस बजट में अहम हिस्सा रखा गया है।

राजीव मिश्र, जीएम, एनईआर