-1 मई से 23 जून 2016 के बीच हुआ घोटाले का पूरा खेल

-गांधी मैदान पुलिस की जाच में कई हो सकते हैं बनकाब

PATNA: टॉयलेट निर्माण घोटाले में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। घोटालेबाजों ने प्लान तैयार भ्ब् दिन में ही बड़ा खेल कर दिया। पुलिस की जांच शुरू होते ही इसमें शमिल एनजीओ संचालकाें व अन्य आरोपियों ने ठिकाना बदल दिया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस मामले में अभी कई लोगों का नाम सामने आ सका है। डीएम संजय अग्रवाल के निर्देश के बाद गांधी मैदान थाना की पुलिस इस महाघोटाले की हर कड़ी को सामने लाने में जुट गई है।

जांच पर टिकी नजर

घोटाले की जांच शुरू होते ही सबकी नजर गांधी मैदान थाना की पुलिस पर टिकी है। थाना इंचार्ज प्रिय रंजन का दावा है कि इसकी मानीटरिंग अफसर कर रहे हैं और विवेचना में हर चेहरा सामने आएगा जो इसमें शामिल होगा। आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ अनुसांधान की कार्रवाई जल्द पूरी कर ली जाएगी। अधिक से अधिक साक्ष्य जुटाने का प्रयास होगा।

ऐसे हुआ घोटाले का खेल

पुलिस सूत्रों की मानें तो घोटाले का खेल काफी सुनियोजित था। यही कारण है कि डीएम को भी इसे पकड़ने में क्भ् दिन से अधिक समय लग गया। घोटालेबाजों ने बहुत सारे सबूत को मिटा दिया है जिसे समने लाना पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज होगा। घोटाले का पूरा खेल एक मई से ख्फ् जून ख्0क्म् के बीच हुई है।

क्या है पूरा मामला

टॉयलेट बनाने के लिए आए क्फ्.म्म् करोड़ रुपए पीएचईडी (पूर्वी) ने एनजीओ और दूसरी एजेंसियों के साथ मिलकर हड़प लिया। पिछले माह डीएम संजय अग्रवाल द्वारा विभाग की समीक्षा के दौरान मामला सामने आया कि पैसा लाभार्थियों के खाते में न जाकर एनजीओ को ट्रांसफर कर दिया गया। जांच में सामने आया है कि तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा और अकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह की मिलीभगत से जो पैसा सीधे लाभुकों के खाते में जाना चाहिए था। वह एनजीओ और दूसरे एजेंसी के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।