24 घंटे के भीतर आ गया response

शहजादे ने आई नेक्स्ट को एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि उन्होंने यूके से आई जॉब के लिए मेल पर अपनी बेटी से रिप्लाई करा दिया। वहां से 24 घंटे के भीतर रिस्पांस मिला। मेल पर ही जॉब के लिए अप्लीकेशन फार्म आ गया। उसे 72 घंटे के भीतर फील करके सब्मिट करना था। यह प्रॉसेस पूरा करके रिप्लाई भेजने के दो दिन बाद एक एग्रीमेंट लेटर उन्हें रिसीव हुआ। कुछ दिन बाद कंपनी के एचआर मैनेजर एंंटोनी कर्टिस ने उन्हें एप्वाइंटमेंट लेटर भेजा। साथ में एक कवरिंग लेटर भी था.

शुरू हुआ पैसे का खेल
कवरिंग लेटर में लिखा था कि बीजा मिलने में कोई प्राब्लम हो तो आप अमेरिका के मेयर रिचर्ड नेयर से मिल लें। वह यूके एम्बेसी से सेटिंग करा कर बीजा दिला देंगे। इसके लिए मिनिमम चार्ज 20 हजार 800 रुपए एक बैंक एकाउंट में जमा कराने को कहा गया था। पैसा जमा करना उन्हें ईजी आप्शन लगा तो उन्होंने इसे जमा भी करा दिया। इसके दो दिन बाद एक फिर एक मेल आया। पूछा गया कि क्या आपने इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स किया गया। निगेटिव रिप्लाई मिलने पर एचआर हेड ने कहा कि कंपनी बिना इंग्लिश के जॉब पर नहीं रखेगी। इसके लिए आपको आईटीएलएस की डिग्री लेनी होगी। ज्यादा दिक्कत हो तो आप 68000 रुपए जमा कर दें यहां सब अरेंज हो जाएगा। बेटी को जॉब दिलाने के चक्कर में रिटायर्ड नेवी ऑफिसर ने यह पैसा भी जमा कर दिया. 

जारी रहा पैसे का खेल
मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। फिर एक मेल आया। इसमें पूछा गया था कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस है या नहीं। एक बार फिर मामला निगेटिव होने पर इंश्योरेंस के नाम पर हजारों रुपए जमा किए। अब शहजादे को कंपनी पर शक होने लगा था। एक दिन फिर एक मेल आया। इसमें इंफॉर्म किया गया कि हाई कमीशन बिना किसी हाई एचीवमेंट के जॉब पर नहीं रखेगी। इसके लिए आपको एक लाख 60 हजार रुपए आईसीआईसीआई के एक बैंक एकाउंट में जमा करने होंगे. 

होने लगा कंपनी की नीयत पर शक
अब शहजादे को पूरा खेल धीरे-धीरे समझ में आने लगा था। उन्होंने पैसे देने से इंकार तो नहीं किया लेकिन इतना जरूर मेल कर दिया कि अभी पैसे का इंतजाम नहीं हो रहा है। इस पर कंपनी की ओर से कहा गया कि अगर पैसे का इंतजाम नहीं हो रहा है तो आप सीधे कंपनी को लेटर लिखो को वह यह एमाउंट सैलरी से डिडक्ट कर ले। शहजादे ने यही किया। फिर कंपनी से मेल आई कि कंपनी आपका आधा पैसा जमा कर देगी लेकिन बाकी के 80 हजार आपको ही जमा करने होंगे. 

दर्ज करा दी रिपोर्ट
शहजादे ने जब अमेरिका की कंपनियों की वेबसाइड के बारे में पता किया तो वह दंग रह गए। जांच में पता चला कि वह ठगी के शिकार हो चुके हैं। शहजादे तत्काल पुलिस ऑफिसर से मिले और पूरी बात बताई। ऑफिसर ने जांच के बाद अतरसुइया थाने में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दे दिया। शहजादे की तहरीर पर पुलिस ने कंपनी के एचआर मैनेजर जेम्स सिम्प्सन, मिस्टर रिचर्ड नेयर और मिस्टर एंटोनी के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत साइबर क्राइम का मामला दर्ज कर लिया और छानबीन शुरू कर दी है. 

24 घंटे के भीतर आ गया response

शहजादे ने आई नेक्स्ट को एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि उन्होंने यूके से आई जॉब के लिए मेल पर अपनी बेटी से रिप्लाई करा दिया। वहां से 24 घंटे के भीतर रिस्पांस मिला। मेल पर ही जॉब के लिए अप्लीकेशन फार्म आ गया। उसे 72 घंटे के भीतर फील करके सब्मिट करना था। यह प्रॉसेस पूरा करके रिप्लाई भेजने के दो दिन बाद एक एग्रीमेंट लेटर उन्हें रिसीव हुआ। कुछ दिन बाद कंपनी के एचआर मैनेजर एंंटोनी कर्टिस ने उन्हें एप्वाइंटमेंट लेटर भेजा। साथ में एक कवरिंग लेटर भी था।

शुरू हुआ पैसे का खेल

कवरिंग लेटर में लिखा था कि बीजा मिलने में कोई प्राब्लम हो तो आप अमेरिका के मेयर रिचर्ड नेयर से मिल लें। वह यूके एम्बेसी से सेटिंग करा कर बीजा दिला देंगे। इसके लिए मिनिमम चार्ज 20 हजार 800 रुपए एक बैंक एकाउंट में जमा कराने को कहा गया था। पैसा जमा करना उन्हें ईजी आप्शन लगा तो उन्होंने इसे जमा भी करा दिया। इसके दो दिन बाद एक फिर एक मेल आया। पूछा गया कि क्या आपने इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स किया गया। निगेटिव रिप्लाई मिलने पर एचआर हेड ने कहा कि कंपनी बिना इंग्लिश के जॉब पर नहीं रखेगी। इसके लिए आपको आईटीएलएस की डिग्री लेनी होगी। ज्यादा दिक्कत हो तो आप 68000 रुपए जमा कर दें यहां सब अरेंज हो जाएगा। बेटी को जॉब दिलाने के चक्कर में रिटायर्ड नेवी ऑफिसर ने यह पैसा भी जमा कर दिया. 

जारी रहा पैसे का खेल

मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। फिर एक मेल आया। इसमें पूछा गया था कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस है या नहीं। एक बार फिर मामला निगेटिव होने पर इंश्योरेंस के नाम पर हजारों रुपए जमा किए। अब शहजादे को कंपनी पर शक होने लगा था। एक दिन फिर एक मेल आया। इसमें इंफॉर्म किया गया कि हाई कमीशन बिना किसी हाई एचीवमेंट के जॉब पर नहीं रखेगी। इसके लिए आपको एक लाख 60 हजार रुपए आईसीआईसीआई के एक बैंक एकाउंट में जमा करने होंगे. 

होने लगा कंपनी की नीयत पर शक

अब शहजादे को पूरा खेल धीरे-धीरे समझ में आने लगा था। उन्होंने पैसे देने से इंकार तो नहीं किया लेकिन इतना जरूर मेल कर दिया कि अभी पैसे का इंतजाम नहीं हो रहा है। इस पर कंपनी की ओर से कहा गया कि अगर पैसे का इंतजाम नहीं हो रहा है तो आप सीधे कंपनी को लेटर लिखो को वह यह एमाउंट सैलरी से डिडक्ट कर ले। शहजादे ने यही किया। फिर कंपनी से मेल आई कि कंपनी आपका आधा पैसा जमा कर देगी लेकिन बाकी के 80 हजार आपको ही जमा करने होंगे. 

दर्ज करा दी रिपोर्ट

शहजादे ने जब अमेरिका की कंपनियों की वेबसाइड के बारे में पता किया तो वह दंग रह गए। जांच में पता चला कि वह ठगी के शिकार हो चुके हैं। शहजादे तत्काल पुलिस ऑफिसर से मिले और पूरी बात बताई। ऑफिसर ने जांच के बाद अतरसुइया थाने में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दे दिया। शहजादे की तहरीर पर पुलिस ने कंपनी के एचआर मैनेजर जेम्स सिम्प्सन, मिस्टर रिचर्ड नेयर और मिस्टर एंटोनी के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत साइबर क्राइम का मामला दर्ज कर लिया और छानबीन शुरू कर दी है. 

Report by-piyush kumar