छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: भगवान चित्रगुप्त का विसर्जन जुलूस रविवार को साकची एडीएल सोसाइटी हॉल के पास से निकला, जिसमें सैकड़ों चित्रांश सदस्य शामिल हुए। एक दिन पूर्व शनिवार को शहर के 16 मंडलों में चित्रगुप्त पूजा हुई थी जिसमें चित्रांश परिवार अपने घरों में कलम-दवात की पूजा के बाद 16 स्थानों पर सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की। सुबह में भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना तो शाम में प्रीति भोज के साथ रंगारग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। रविवार को दोपहर ढाई बजे सभी स्थानों से जुलूस निकलकर साढ़े तीन बजे तक साकची पहुंच गया था। फिर सभी प्रतिमाओं के साथ साकची से विसर्जन जुलूस निकला, जो मेन रोड से पुराना कोर्ट होते हुए मानगो स्वर्णरेखा नदी पहुंचा जहां प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। रास्ते में भगवान चित्रगुप्त की जयकार मनाते हुए बाजा-गाजा पर झूमते हुए लोग स्वर्णरेखा पहुंचे हुए थे। जुलूस में मुख्य रूप से एके श्रीवास्तव, अनुप रंजन, श्याम बिहारी लाल, उमेश प्रसाद, संजीव सिन्हा, लाला अजीत अमबष्टा, शंभु दयाल, कल्याणी शरण, संजीव श्रीवास्तव, पंकज सिन्हा, संजय सिन्हा, राजीव शरण, रजनीकांत, राकेश, सतीश श्रीवास्तव, संजय वर्मा, मनोज सिन्हा आदि शामिल हुए।