कानपुर। अन्नकूट के बाद शुक्रवार 9 नवंबर को भैया दूज मनाया जाएगा। इस अवसर पर यमलोक से रक्षा के बहाने मनुष्यों को सदाचार अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस दिन बहनें, भाई के दीर्घायु की कामना करेंगी। बहन अपने भाई को रोली और अक्षत का तिलक लगाकर दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं। इसके बाद भाई बहन को उपहार देते हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है।

भाई-बहन का बंधन अटूट बनाता है भाई-दूज का त्‍योहार

शास्त्रों के अनुसार, सदाचार का जीवन जीने वाले प्राणी से यम प्रसन्न रहते हैं और उनकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती। कथा है कि इस दिन यम अर्थात यमराज ने अपनी बहन यमुना के घर पर न सिर्फ भोजन किया था, बल्कि उन्हें उपहार भी प्रदान किया। तभी से बहन-भाई प्रेम के प्रतीक स्वरूप यम द्वितीया मनाया जाने लगा। भाई-बहन के पर्व इस दिन यमुना या किसी और नदी में स्नान करने का भी विधान है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त के भी पूजन की मान्यता है। चित्रगुप्त कुशल लेखक हैं और इनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मो के अनुसार न्याय मिलने की मान्यता है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को इनकी विशेष पूजा की जाती है।

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