टिकट कटने की आशंका पर श्यामा चरण गुप्ता ने थामा सपा का दामन

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद श्यामाचरण गुप्ता के बारे में एक महीने से जैसी चर्चाएं चल रही थीं, शनिवार को ठीक वैसा ही हुआ. श्री गुप्ता ने भाजपा का साथ छोड़ते हुए एक बार फिर उस समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. जिस पार्टी के टिकट पर श्री गुप्ता पहली बार बांदा लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए थे. सपा ने उन्हें एक बार फिर से बांदा से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर अधिकृत उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है.

दो बार जीत हासिल, एक बार हारे

भाजपा सांसद श्यामाचरण गुप्ता एक नहीं बल्कि दो बार सांसद चुने गए हैं. वर्ष 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर श्री गुप्ता बांदा से निर्वाचित हुए थे. भाजपा के टिकट पर वे मोदी लहर में इलाहाबाद संसदीय सीट से वर्ष 2014 में चुने गए थे. सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से नजदीकी की वजह से उन्हें वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर से उम्मीदवार बनाया गया था. श्री गुप्ता बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कपिल मुनि करवरिया से करीब पंद्रह हजार वोटों से चुनाव हार गए थे. भाजपा प्रत्याशी करण सिंह पटेल को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था.

बेटे ने जताई थी टिकट कटने की आशंका

अपनी ही सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी करने और एक स्वजातीय बड़े नेता से कई मंचों पर राजनैतिक विवाद के बीच श्री गुप्ता व उनके परिजनों को टिकट कटने की आशंका सता रही थी. यही वजह रही कि आचार संहिता लागू होने वाले दिन ही श्री गुप्ता के बेटे विदुप अग्रहरि ने प्रेस कान्फ्रेंस करके खुद इलाहाबाद संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.

उनकी गतिविधियां लगातार पार्टी के खिलाफ थीं. इसलिए पार्टी ने उन्हें इशारा कर दिया था. जब उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है तो इस्तीफा देने या ना देने का कोई मतलब नहीं है.

अवधेश चंद्र गुप्ता,

महानगर अध्यक्ष भाजपा