- भोजीपुरा में पॉपुलेशन की अपेक्षा काफी कम है वोटर्स की संख्या

- तीन बार से भोजीपुरा विधानसभा सीट पर सपा का चल रहा है कब्जा

BAREILLY:

भोजीपुरा विधानसभा सीट पर सपा ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है। इसके पीछे भोजीपुरा में पॉपुलेशन की अकॉर्डिग वोटर्स की कमी एक कारण हो सकता है। क्योंकि, वर्तमान सपा विधायक शहजिल इस्लाम क्षेत्र में वोटर्स की संख्या भी बढ़ा पाने में नाकाम रहे हैं। जी हां, चुनाव कार्यालय की ओर से तैयार किए गए वोटर्स लिस्ट के आंकड़े इसी ओर इशारा कर रहे है। जिले के 9 विधानसभा सीट में से सबसे अधिक पॉपुलेशन भोजीपुरा की है, लेकिन वोटर्स की संख्या बाकी विधानसभा क्षेत्र से काफी कम है। शायद शहजिल इस्लाम ने आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नए वोटर्स को जोड़ने के लिए तवज्जो ही नहीं दिया। उन्हें अपने पुराने वोटर्स पर ही भरोसा था, लेकिन सपा खेमे में टिकट के बंटवारे को लेकर जो रणनीति चल रही है उसके चलते भोजीपुरा सीट पर टिकट फाइनल नहीं हो सकता है। जो शहजिल इस्लाम के लिए गले की हड्डी बनी हुई है। उन्हें अपना टिकट खो देने का डर सता रहा है।

भोजीपुरा में सबसे कम वोटर

साल 2012 में हुए विस चुनाव में भोजीपुरा विधानसभा में अच्छा-खासा मतदान परसेंटेज था। यहां पर टोटल 70.22 परसेंट वोटिंग पिछले चुनाव में हुई थी। 2,86,722 वोटर्स में से 2,01,325 वोटर ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। इसके बावजूद यहां पर वोटर्स की संख्या कम होना जन प्रतिनिधि को संदेह के घेरे में खड़ा करता है। 2 जनवरी 2017 को होने वाले वोटर्स लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के लिए चुनाव कार्यालय ने जो लिस्ट तैयार किए हैं उसके मुताबिक भोजीपुरा विधानसभा में 6,40,388 आबादी के मुकाबले 3,46,385 वोटर हैं। यानि भोजीपुरा विधानसभा में वोटर्स का परसेंट मात्र 54.09 वोटर्स हैं।

बाकी जगहों पर रेिशयो अच्छा

जबकि, बाकी जगहों जैसे- बरेली शहर, कैंट, बहेड़ी, मीरगंज, नवाबगंज, फरीदपुर, बिथरी चैनपुर और आंवला में भोजीपुरा की अपेक्षा पॉपुलेशन काफी कम है। लेकिन, वोटर्स की संख्या इससे कही अधिक है। ऐसे में एक बात साफ है कि बाकी जगहों के जन प्रतिनिधियों ने नए वोटर्स को जोड़ने में चुनाव अधिकारियों को पूरा सहयोग दिया। जबकि, भोजीपुरा विधानसभा के विधायक शहजिल इस्लाम इसमें पीछे रह गये। जो इनके टिकट कटने का कारण बन सकता है।

तीन बार से सपा का राज्य

भोजीपुरा विधानसभा सीट पर तीन बार से सपा का ही कब्जा रहा है। शहजिल इस्लाम के पहले सपा से ही वीरेंद्र गंगवार लगातार दो बार विधायक चुने गए। जबकि, 2001 में बीजेपी की सत्ता रही। उस समय भंवर लाल मौर्या मंत्री थे। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि जितने भी नेता चुने गए उन्होंने सिर्फ अपना विकास किया। क्षेत्र का विकास भूल गए। वोटिंग परसेंटेज अच्छा होने के बाद भी नए वोटर्स को वोटर्स लिस्ट से जोड़ना उचित नहीं समझा।

विधानसभा - पॉपुलेशन - वोटर्स - परसेंटेज

बरेली शहर - 6,22,772 - 4,14,157 - 66.50

बरेली कैंट - 5,19,783 - 3,41, 353 - 65.67

बहेड़ी - 5,39,333 - 3,44,118 - 63.80

बिथरी - 5,84,738 - 3,61,570 - 61.83

नवाबगंज - 5,42,000 - 3,14,874 - 58.09

मीरगंज - 5,58,569 - 3,23,891 - 57.99

आंवला - 5,12,525 - 2,96,840 - 57.92

फरीदपुर - 5,37,010 - 3,06,701 - 57.11

भोजीपुरा - 6,40,388 - 3,46,385 - 54.09

जिन्होंने भी चुनाव जीता वह अपना विकास करने में लग गये। ग्राम पंचायत की जमीने हड़प ली। क्षेंत्र का विकास करना ही भूल गये। जबकि, भोजीपुरा विधानसभा की आबादी अच्छा-खासा है।

अजय शुक्ला, महासचिव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी