गैर सिंगर भी हो सकते हैं कामयाब
चिंटू का कहना है कि एक्टर को आसानी से कामयाबी नहीं मिलती, लेकिन मेहनत की जाए तो यह भी संभव है। भोजपुरी सिनेमा में एक मिथक है कि जो सिंगर हैं वहीं कामयाब होंगे, लेकिन अच्छे डायरेक्टर का साथ मिल जाए तो नया हीरो भी कामयाब हो सकता है। एक दर्जन फिल्मों में बतौर साइड हीरो भी पब्लिक ने पंसद किया। अकेले भी लोगों को मेरी भूमिका पसंद आई हैं। भोजीवुड में ऐसे हीरे तो बहुत है लेकिन उनको तराशने वाले जौहरी नहीं मिलते।

पब्लिक के प्यार से मिली कामयाबी
डायरेक्टर-प्रोड्यूसर- राइटर राजकुमार आर पांडेय के बेटे चिंटू का कहना है कि पापा के साथ सेट पर जाकर मैंने काम सीखा। पापा ने जब मुझे प्रपोज किया तो पहले मैं सहम गया बाद में प्रैक्टिस होती चली गई। सोलो हीरो पब्लिक ने पंसद किया है। यह मेरे लिए सबसे बड़ी कामयाबी है। पापा की उम्मीदों पर हर बार खरा उतरुंगा। इस बात की बहुत खुशी है कि जहां भी जाते हैं वहां पर लोग चिंटू कहकर बुलाते हैं। पब्लिक का यह प्यार हमेशा बने रहे इसके लिए मैं हर फिल्म में बेहतर एक्टिंग करुंगा।

थियेटर में ताली बजने पर दिल को सकून मिलता है। सिंगर न होने के बाद भी यह स्टारडम मिला। पब्लिक का प्यार जो सिर आंखों पर बिठाया है।
प्रदीप आर पांडेय उर्फ चिंटू पांडेय

 

report by : arun.kumar@inext.co.in