- राजनीति से दाल-रोटी न चलाएं, वरना जनता को होगी परेशानी

- अपने लोकसभा एरिया के लिए हर महीने 15 दिन जरूर दूंगा

अपने जमाने में भोजपुरी के सुपर स्टार रहे कुणाल सिंह पटना साहिब से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। उनका मुकाबला सीटिंग एमपी और बॉलीवुड के 'बिहारी बाबू' शत्रुघ्न सिन्हा से है। हालांकि इस मुकाबले को इंटरेस्टिंग और पॉवरफुल बना रहे जदयू के डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा और आप की परवीन अमानुल्लाह। मंडे को दिन भर कुणाल के साथ रहे हमारे रिपोर्टर शशि रमण। पढि़ए, एक्टर कम नेता जी कैसे जुटा रहे हैं अपना वोट

PATNA : अपनी पर्सनल लाइफ को कभी भी प्रोफेशनल और पॉलिटिक्स में आने नहीं दिया, इसका ख्याल जरूर रखता हूं कि दाल-रोटी के लिए पॉलिटिक्स कभी नहीं करूंगा। अगर जनता-जनार्दन मौका देती है, तो जनता के बीच रहते हुए जनता के लिए काम करूंगा। यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं है। पॉलिटिक्स एक आध डायलॉग से नहीं चलती है, बल्कि यहां पर रील लाइफ से बिल्कुल उलट रीयल लाइफ में जीना पड़ता है। जनता का ऐसा रिस्पांस है कि इस बार पंजा सब पर भारी पड़ने वाला है। जहां भी जाता हूं, लोग सीटिंग एमपी का निगेटिव चेहरा ही प्रजेंट कर रहे हैं। ऐसे में मुझे खुद से ही ज्यादा कांपटीशन है, इसलिए जनता के बीच जाकर उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि मैं आ रहा हूं।

बड़ों का आशीर्वाद लिया और चल दिए

सुबह सात बजते-बजते आरजेडी सपोर्टेड कांग्रेस कैंडिडेट कुणाल सिंह यादव उठने के साथ ही फ्रेश हो जाते हैं। स्नान करने के साथ ही अपनी तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान उनके करमलीचक घर पर कार्यकर्ता और समर्थक पहुंच चुके थे। दीवार पर उनके कार्यक्रम का शिड्यूल हर कोई पढ़ रहा था, क्योंकि एक दिन पहले टाउन के अंदर घूमने के बाद आज सीधे वो फतुहा, फतेहपुर और अलावलपुर जाने वाले हैं। इस दौरान एक रोड शो भी होना है।

शिड्यूल और ट्रैफिक, दोनों पर नजर

तैयारी के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद नौ बजते-बजते अपनी गाड़ी पर शिड्यूल की डायरी देखते ही आगे निकल जाते हैं। इसके बाद उनकी नजर शहर की ट्रैफिक पर अधिक रहती है। उन्होंने बताया कि ट्रेफिक व सिविक सेंस दोनों एक साथ होगी, तो फिर प्रॉब्लम नहीं आएगी। इसके लिए एमपी को अभियान चलाकर लोगों को अवेयर करना चाहिए। मैं यह करने वाला हूं। अगर इसे ठीक कर दिया गया, तो मुंबई और कोलकाता की तरह ड्राइविंग करते हुए निकलते जाएंगे।

वकीलों से मिले और फिर रोड शो

गायघाट पुल के नीचे सिटी सिविल कोर्ट पहुंचते ही वकीलों से मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू हो गया। इस दौरान वकीलों ने अपनी बातों को रखा। लोगों से अपनी कलम को मजबूत करने के लिए वोट देने की अपील भी की। वकीलों ने कहा कि अब तो स्टार से डर लगता है। पुराने वाले स्टार अब तक दिखाई नहीं दिए हैं। कई वकील अपने कैमरे में कुणाल सिंह को कैद करने में लगे रहे।

भोजपुरी फिल्म के स्टार हवअ तनी देखअह

कुणाल सिंह का नाम सुनने के साथ ही आसपास के लोग गायघाट पुल के नीचे पहुंच गए। इस बीच, उनके फैन ने कहा कि भोजपुरी फिल्म के स्टार हवअ तनी देखअ। गायघाट पुल के नीचे समर्थकों और फैंस की भीड़ को देखते हुए कुणाल सिंह ने हाथ जोड़ कर सबको प्रणाम किया। वहीं, एक साथ उनके इस अंदाज को कई कैमरों में कैद किया गया।

खुली गाड़ी पर सवार हुए, पहुंच गए फतुहा

गायघाट के पास ही लोगों की भीड़ को देखते हुए कार्यकर्ताओं ने उन्हें खुली गाड़ी पर खड़ा कर दिया। तेज धूप में कुणाल सिंह ने अपने अंदाज में प्रचार का सिलसिला शुरू किया। खुली जीप जैसे ही गायघाट से आगे निकली, पूरा सिटी एरिया ट्रैफिक से जूझने लगा। इस बीच, पुराने कांग्रेसी लाल बिहारी ने अपनी बात उनके सामने रखी। इसके बाद रोड शो और प्रचार का काफिला फतुहा के लिए निकल गया, जहां उन्होंने ऑफिस का इनॉगरेशन किया।

एक-एक ऑफिस में सुनी जाएगी जनता की आवाज

उन्होंने कहा कि अब जनता को अपने सांसद से मिलने के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं है। अब छह विधानसभा में एक-एक ऑफिस खोला जाएगा। उस ऑफिस में पहुंचकर ही मैं जनता की प्रॉब्लम को सुनूंगा और फिर उसे दूर करने की कोशिश भी करूंगा। महीने में क्भ् दिन अपने क्षेत्र को देना मेरा संकल्प है और मैं जीतकर आऊंगा तो आप आकर देख सकते हैं।

मेरा मकसद सिर्फ वोट मांगना नहीं

तपती धूप में पसीने से नहा चुके कांग्रेस कैंडिडेट कुणाल सिंह ने बताया कि कुर्जी के पास बिंद टोली में जब गया, तो देखकर हैरत था। वहां पर पीने के पानी का अरेंजमेंट नहीं है। पानी की निकासी की भी व्यवस्था नहीं है। बख्तियारपुर और फतुहा में कुछ भी नहीं हुआ है। पब्लिक त्राहिमाम कर रही है। कोई बुनियादी सुविधा उन्हें नहीं मिल पाई है। साफ-सफाई की कोई अरेजमेंट नहीं होने से पाटलिपुत्रा लोकसभा एरिया में कभी भी चलते हैं, तो परेशान हो जाते हैं। फतेहपुर अलावलपुर की जनता के पास ढेरों परेशानियां हैं। इतना सुनने के बाद तो कभी-कभी लगता है कि पॉलिटिक्स कुछ लोगों की वजह से गंदा हो गया है। जो जीतते हैं, वे फिर कभी नहीं आते, उन्हें खुद अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहिए।