बीएचपी बिलिटन ने यह फ़ैसला भारत सरकार के विभागों के फ़ैसले लेने में देरी के चलते लिया है.

बीएचपी बिलिटन ने कहा कि वह भारत में अपनी नौ परियोजनाओं को बंद कर रहा है. इसके बाद कंपनी की महज़ एक परियोजना भारत में रहेगी.

विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत के तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन पर असर पड़ेगा, साथ ही तेल और प्राकृतिक गैसों की आपूर्ति के लिए भारत की निर्भरता दूसरे देशों पर बनी रहेगी.

तगड़ा झटका

इसे भारत सरकार के लिए एक बड़ा झटके के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि बीएचपी बिलिटन के फ़ैसले से भारत में विदेशी निवेश की कोशिशों को भी धक्का लगा है.

एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई कंपनी बीएचपी अब उन बहुराष्ट्रीय कंपनियों में शामिल हो गई है, जिसने हाल में भारतीय नौकरशाही की अड़चनों और स्पष्ट नीतियों के अभाव का हवाला देते हुए भारत में कारोबार बंद करने का फ़ैसला लिया है.

वॉलमार्ट ने इस महीने की शुरुआत में विदेशी निवेश की सीमा पर पाबंदी के चलते भारत में अपने  संयुक्त उपक्रम को बंद करने का फ़ैसला लिया.

इससे पहले, साल की शुरुआत में दक्षिण कोरियाई कंपनी पोस्को और लक्ज़मबर्ग स्थित स्टील मेकर कंपनी आर्सेलर मित्तल ने भी भारत में कारोबार संबंधी नियमों का हवाला देते हुए अपने प्रोजेक्ट बंद करने की घोषणा की थी.

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