-बीएचयू में 'यूथ एंड ट्रूथ' कार्यक्रम में सद्गुरू जग्गी वासुदेव ने स्टूडेंट्स से उनके मन की बात

-लाइफ स्टाइल, कॅरियर, सोसाइटी से जुड़े सवालों का दिया सम्यक जवाब, कहा युवाओं में है असीम ऊर्जा

VARANASI

आज का युवा पहले से अधिक समझदार और संवेदनशील है। उसमें असीमित ऊर्जा है। कुछ कर गुजरने का जज्बा है और माद्दा भी। पर इन सबके बीच कहीं कुछ न कुछ ऐसा भी है जिसके चलते देश की युवा शक्ति राष्ट्र और समाज के निर्माण में अपनी शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित नहीं कर पा रही है। जो ठीक नहीं है। पर सबकुछ बेहतर हो सकता है अगर उनकी समस्याओं को समझे और समाधान भी बता सके। बीएचयू के स्टूडेंट्स को यह मौका सोमवार को मिला। उनके साथ मन की बात करने के लिए सामने थे ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरू जग्गी वासुदेव। सामाजिक बहिष्करण एवं समवेशी नीति अध्ययन केंद्र की ओर से कृषि विज्ञान संस्थान, बीएचयू के शताब्दी प्रेक्षागृह में आयोजित 'यूथ एंड ट्रूथ' कार्यक्रम में बीएचयू स्टूडेंट्स सद्गुरू से रूबरू हुए और अपने मन की बात की। सद्गुरू ने उनकी हर बात को सुना और सरल तरीके से जवाब देकर उनकी जिज्ञासा शांत की।

संतुलन से बन जायेगी बात

सद्गुरू ने कहा कि समय न तो धन है न ही रेस है, बल्कि यह जीवन है। इसका सदुपयोग मानव हित में करें। कहा कि युवाओं के पास असीम ऊर्जा है, पर अधिकांश में स्पष्टता और संतुलन का अभाव है। यदि स्वयं में स्पष्टता और संतुलन का अभाव होगा तो दुनिया की सबसे शक्तिशाली चीज भी अगर हमारे पास आ जाए तो वह भी हमारे लिए काम करने की बजाय हमारे खिलाफ काम करेगी। वर्तमान में हमारे देश की आबादी में 50 फीसद से अधिक युवा हैं। यही देश के एकमात्र धन हैं। प्रेरित, कुशल, केंद्रित व संतुलित होकर युवा राष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यदि इन्हें प्रेरित नहीं किया गया और ये विकेंद्रित, असंतुलित व अकुशल रह गए तो हमारे लिए त्रासदी साबित होंगे।

हर सवाल का दिया जवाब

सद्गुरू तकरीबन ढाई घंटे स्टूडेंट्स से मुखातिब थे। लॉ फैकल्टी से सारांश चतुर्वेदी, आईएमएस से अदिति उपाध्याय व सोशल साइंस फैकल्टी से प्रियांशु सिंह के तीन सदस्यीय पैनल ने युवाओं से जुड़े सवाल पूछे। सद्गुरू ने जीवन, कॅरियर, समाज व रहन-सहन से संबंधित सारे सवालों का सहज, सरल व प्रभावशाली तरीके से उत्तर दिया। उन्होंने काशी नगरी को प्रकाश स्तंभ बताया। कहा यहां के लोग इस यंत्र रूपी नगरी का उपयोग आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने में करें। वहीं सोशल मीडिया को लेकर कहा कि किसी भी चीज पर आंख मूंद कर भरोसा करने की बजाय समाज को सही-गलत में भेद समझना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएचयू वीसी प्रो। राकेश भटनागर ने की। आयोजन समन्वयक प्रो। तेज प्रताप सिंह थे।