- सात दिन बाद बीएचयू एसएस हॉस्पिटल का सामान्य हुआ काम-काज

- मुस्तैदी से रेजिडेंट्स ने अपने काम को दिया अंदाज

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एसएस हॉस्पिटल बीएचयू के सीनियर व जूनियर रेजिडेंट्स सोमवार को अपने काम पर मुस्तैद दिखे। तकरीबन एक सप्ताह बाद हड़ताल से उनके वापस आने से हॉस्पिटल पूरी तरह अपनी पुरानी पटरी पर लौट आया। पिछले सोमवार की शाम को मारपीट के बाद से हड़ताल पर चले लए थे। अब जूनियर डॉक्टर अब पूरे उत्साह के साथ मरीजों की सेवा में लग गए। एसएस हॉस्पिटल, आयुर्वेद विभाग, ट्रामा सेंटर व डेंटल फैकल्टी में मरीजों की खासी भीड़ रही।

मरीजों को थी खासी परेशानी

बीएचयू हॉस्पिटल में उपचार कराने के लिए पूर्वाचल के साथ ही बिहार, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के भी कुछ हिस्सों के हजारों मरीज यहां आते हैं। सामान्य दिनों में रोजाना पांच हजार से अधिक ओपीडी पर्ची कटती है। रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के हड़ताल पर चले जाने से यहां की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी थी। सोमवार को ओपीडी का संचालन सामान्य दिनों की तरह हुआ। वार्ड में भी रेजिडेंट्स ने सामान्य दिनों की तरह ही अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया। ऑपरेशन भी हुए। पर कैंपस में हड़ताल को लेकर प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।

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हॉस्टल में ताला देख

भड़के रेजिडेंट्स

तकरीबन हफ्ते भर बाद रेजिडेंट्स डॉक्टर्स अपनी हड़ताल समाप्त कर काम पर वापस लौटे। हॉस्पिटल जाने से पूर्व वे अपने हॉस्टल गये जहां उन्हें ताला लगा मिला। कमरों में प्रशासन का ताला लगा देखकर वे फिर भड़क गये। इसकी सूचना मिलते ही बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों संग भारी संख्या में जिला पुलिस मौके पर पहुंची। धनवंतरि छात्रावास के इर्द-गिर्द पुलिस का घेरा बढ़ा दिया गया। बाद में बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने कमरों का ताला खोलकर रेजिडेंट्स की किताबें और अन्य जरूरी सामान निकाल कर दिया। उसके बाद रेजिडेंट्स वहां से चले गये। बीएचयू में बीते 23 सितंबर को छात्राओं द्वारा नारीवादी विमर्श पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्त्रम के दौरान छात्राओं पर हुए हमले और बदसलूकी के विरोध में छात्राओं ने फिर से मोर्चा खोला है। वो इस मुद्दे पर सोमवार को डीएम सुरेंद्र सिंह और एसपी सिटी से मिलीं और उस घटना पर विरोध जताया। साथ ही ज्ञापन सौंपा।