-कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट, बीएचयू दिल के छेद को बंद करने के लिए वर्कशॉप का कर रहा है आयोजन

-10 जनवरी को होने वाली वर्कशॉप में 100वें मरीज के दिल के छेद को किया जायेगा बंद

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बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल स्थित कैथ लैब में 10 जनवरी को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसमें यहां के 100वें मरीज के दिल का छेद बिना चीर-फाड़ के बंद किया जाएगा। डिवाइस टेक्नोलॉजी से अभी तक यहां पर 99 मरीजों के दिल के छेद का आपरेशन किया जा चुका है।

दिल के छेद की समस्या जेनेटिक

बीएचयू के मीडिया सेंटर में सोमवार को कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड प्रो.धर्मेद्र जैन व पूर्व अध्यक्ष प्रो। गीता सुब्रमण्यम ने बताया कि दिल के छेद की समस्या जेनेटिक है, इसका आपरेशन 30 वर्ष के पहले ही करा लेना चाहिए। वरना आगे चलकर दिल की धड़कन तेज होने की आशंका बढ़ जाती है। बताया कि पहले इसके लिए बड़ा आपरेशन किया जाता था, लेकिन अब आधुनिक तकनीक से होता है। इसमें मरीज तीसरे दिन घर चला जाता है। बताया कि जनवरी 2016 में पहली बार इस तरह की कार्यशाला आयोजित हुई थी। 10 जनवरी को वर्कशॉप में फेमस बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। आईबी विजय लक्ष्मी, डॉ। मंशा चक्रवती, डॉ। स्मिता मिश्रा, डॉ। सुशील आजाद, डॉ। एडवीन फ्रांस, डॉ। नीरज अवस्थी यहां के स्टूडेंट्स को नई विधि के बारे में बताएंगे और मरीजों का आपरेशन भी करेंगे।