-अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मिलने पहुंचे थे सीईओ विशाल सिंह

-कहा, नहीं तोड़े जा रहे हैं मंदिर, अचानक ही वार्ता छोड़ कर चले गये

VARANASI

काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में मंदिरों को तोड़े जाने व देवताओं की पूजा बाधित होने से नाराज होकर अनशन कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मिलने शनिवार को मंदिर के सीईओ विशाल सिंह पहुंचे। पर बात किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। विशाल सिंह कुछ बात बने इससे पहले ही वार्ता बीच में ही छोड़ कर वहां से चल दिये। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अनशन का तीसरा दिन था।

भ्रांति है कि तोड़े जा रहे मंदिर

सीईओ विशाल सिंह ने कहा कि यह बहुत बड़ी भ्रांति है कि मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और जो भी तोड़ा गया है वह मेरे कार्यकाल में नहीं टूटा है। जवाब में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उन्हें बताया कि आठ अप्रैल को जब वे प्रमोद विनायक के मन्दिर गये तो विनायक की प्रतिमा मलबे में पड़ी थी। इतना सुनने के बाद विशाल सिंह अचानक उठे और चल दिये। दोनों के बीच की कड़ी बने विशालाक्षी मंदिर के महंत राजनाथ तिवारी ने उनसे रुकने का आग्रह किया पर वे नहीं माने।

नहीं आये थे समाधान के लिए

सीईओ के चले जाने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि विशाल सिंह उनके पास समाधान के लिए आये थे। अगर उनके मन में कोई बात होती तो वह पूरी बात करते। विशाल सिंह से इस मामले में अब वार्ता करने का कोई औचित्य नहीं है। लेकिन यदि कोई और अधिकारी काशी के प्राचीन मन्दिरों को बचाने और विकास के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए वार्ता को आएगा तो हम उसका स्वागत करेंगे।