- तीन दिनी जागरण फिल्म फेस्टिवल का हुआ समापन

आखिरी दिन फिल्म प्रदर्शन संग कलाकार विनीत ने किया संवाद

VARANASI

जागरण फिल्म फेस्टिवल के तीसरे दिन जहां बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन हुआ वहीं फिल्म कलाकार विनीत सिंह ने सिने पर्दे तक के सफरनामे की दास्तान सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया। इससे पूर्व फिल्मों के मेले का समापन शनिवार को इस वायदे के साथ हुआ कि अगले साल फिर से फिल्मों का मेला काशी में इसी उत्साह के साथ सजेगा। तीन दिनों तक चले इस फेस्टिवल में फिल्मों ने खुद अपनी कहानी कही। जिसे दर्शकों ने पूरी संजीदगी से सुना और देखा।

डीएलडब्ल्यू फिल्म क्लब में हुए जागरण फिल्म फेस्टिवल के तीसरे और आखिरी दिन सबसे पहले ईरान का बहुआयामी सिनेमा एनाटालीज ड्रीम प्रदर्शित किया गया। जागरण फिल्म फेस्टिवल में इस बार ईरान अंतरराष्ट्रीय पार्टनर भी है। एम रवांडी निर्देशित फिल्म में एक पिता अपनी पत्नी के निधन के बाद अपने बच्चे के साथ टर्की यात्रा पर निकलने की संवेदना से युक्त कहानी है।

'चीनी कम' को मिली सराहना

इसके बाद रेट्रो में चीनी कम, दिखेगा तब्बू का दम दोपहर एक बजे शुरु हुआ। इसके तहत आर बालकृष्णन निर्देशित फिल्म चीनी कम प्रदर्शित हुई। अमिताभ बच्चन, तब्बू, परेश रावल जैसे सितारों से सजी इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पंसद किया। वहीं दोपहर बाद एक खिलाड़ी के संघर्षो की कहानी मुक्काबाज का प्रदर्शन हुआ। बनारस बेस्ड युवा विनीत सिंह की लिखी पटकथा पर बनी फिल्म में वह खुद लीड रोल में हैं। अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने खासी चर्चा बटोरी। इसके बाद रात में आखिरी फिल्म के तौर पर भोजपुरी में 'नाच भिखारी नाच' में परंपराओं के टूटन का दर्द झलका।

'मुक्काबाज' ने साझा किया फिल्मी सफरनामा

अचीवर्स टाक के दौरान मयंक शेखर ने परिचर्चा को आगे बढ़ाया तो दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी प्रदीप शुक्ल ने बुके भेंट कर स्वागत किया। एक्टर विनीत सिंह ने संवाद के क्रम में मंच से हर-हर महादेव के साथ दर्शकों का अभिवादन किया। कहा कि बनारस से सीखने को बहुत कुछ मिला है। वर्ष 1999 में सपनों के शहर मुंबई में दाखिल हुआ तो पेशे से चिकित्सक और बास्केटबाल का सामान्य खिलाड़ी हुआ करता था। एक दिन दैनिक जागरण के संपादकीय में छपे लेख को स्क्रिप्ट बनाकर अभिनय किया तो टैलेंट हंट ऑडिशन में जगह मिली और फिर फिल्मों का कारवां धीरे-धीरे चल पड़ा।