नाग पूजा का महापर्व नाग पंचमी आज, घर-घर पूजे जायेंगे नाग देवता

<नाग पूजा का महापर्व नाग पंचमी आज, घर-घर पूजे जायेंगे नाग देवता

VARANASI

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गली हो या सड़क, पुराने मोहल्ले हों या शहरी कॉलोनी। बुधवार को हर जगह से उठेगी छोटे गुरु और बड़े गुरू की गूंज। हर घर की ड्योढ़ी पर सजेंगे नाग देवता के चित्र और हर घर में चढ़ेगा उन्हें दूध और लावा का भोग। सिर्फ इतना ही नहीं जगह-जगह होगा महुअर का खेला और अखाड़ों में पहलवान ठोकेंगे ताल। सर्प पूजा के महापर्व नाग पंचमी पर बुधवार को शहर में दिखेगा कुछ ऐसा ही नजारा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नाग की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। नाग पंचमी पर लोग अपने घरों की चौखट पर नाग देवता के चित्र लगाकर उस पर दूध, लावा चढ़ाते हैं।

निकलेगी बच्चों की टोली

नाग देवता का चित्र बेचने के लिए 'छोटे गुरु क बड़े गुरु का नाग लो भाई नाग लो' की हांक लगाते बच्चों की टोली निकल पड़ेगी। लेकिन कौन हैं यह छोटे गुरु और बड़े गुरु ये कम लोगों को ही पता होगा। जानकारों का कहना है कि अष्टाध्यायी के रचनाकार महर्षि पाणिनि और अष्टाध्यायी पर महाभाष्य लिखने वाले ऋ षि पतंजलि को बड़े गुरु और छोटे गुरु का संबोधन दिया गया है। कहा जाता है कि महर्षि पाणिनि को शेषनाग ने व्याकरण की शिक्षा दी थी। इसी कथा को नाग पंचमी से जोड़ा गया।

अति प्राचीन है नागपूजा

बनारस में नागपूजा कब से शुरू हुई? इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है पर महाजनपद काल और बुद्ध के काल में भी नागों की पूजा का उल्लेख मिलता है। बनारस में इस दिन औसानगंज स्थित नागकुआं पर एक मेला लगता है। यहां लोग दर्शन करने जाते हैं। संस्कृत पाठशालाओं में इस दिन शास्त्रार्थ आदि आयोजित किये जाते हैं।