-कुंभ मेले में गंगा जल के प्रदूषण की करेगा जांच, प्रदेश सरकार ने सौंपी जिम्मेदारी

-कानपुर के 36 उद्योगों के अवजल की जांच करेंगे संस्थान के एक्सपर्ट

VARANASI

प्रयागराज में अगले महीने से शुरू हो रहे अर्ध कुंभ में स्नानार्थियों को गंगा का स्वच्छ जल मिले इसके लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत आईआईटी, बीएचयू को कुंभ मेले के दौरान उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी के प्रदूषण मानक की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी है। इसके तहत, कानपुर के 34 उद्योगों, 2 सीईटीपी और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले अवजल और मलजल की तीन चरणों में मॉनीटरिंग की जायेगी।

मिल गया है पत्र

जांच टीम के प्रोजेक्ट इंचार्ज व केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हेड प्रो। पीके मिश्रा ने बताया कि आईआईटी, बीएचयू को कानपुर के 34 उद्योगों और 2 सीईटीपी से निकलने वाले अवजल की जांच करने को कहा गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव की ओर से संस्थान को पत्र मिल चुका है। इन उद्योगों में डाई, ब्लीचिंग, टेक्सटाइल, डेयरी आदि प्रमुख हैं। कुंभ मेले के दौरान जो उद्योग मानक के अनुसार अवजल का उत्सर्जन नहीं करेंगे उन उद्योगों को कुंभ मेले के दौरान बंद करने की संस्तुति की जाएगी। इसके अलावा चार और संस्थानों को अन्य उद्योगों की जांच की जिम्मेदारी दी गइर्1 है।

इनसेट

आईआईटी ने तैयार किया है एप

अब देश के किसानों को अपनी जैविक फसलों को बाजार में बेचने के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। बस उन्हें अपने मोबाइल पर एक एप डाउनलोड करना होगा और उसकी मदद से किसान अपनी फसलों को अच्छे दामों पर खरीदार को बेच सकते हैं। मालवीय नव प्रवर्तन एवं उद्यमिता संवर्धन केंद्र, आईआईटी (बीएचयू) और इंडियन बॉयो गैस एसोसिएशन ने बुरहानी फाउंडेशन इंडिया की मदद से एक बॉयो गैस एप का डिजाइन किया है। एमसीआईआईई के कोऑर्डिनेटर प्रो। पीके मिश्रा ने बताया कि इस एप का मुख्य उद्देश्य किसानों को एक ऐसा प्लेफॉर्म उपलब्ध कराना है जहां से उन्हें उनकी फसल के लिए बेहतर खरीदार मिल सकें। अगले वर्ष इसे आधिकारिक रूप से लांच किया जाएगा।