-हॉस्पिटल के नये इमरजेंसी में सामान्य रूप से चल रहा है मरीजों का इलाज, 45 बेड्स की व्यवस्था है पूरी

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एसएस हॉस्पिटल, बीएचयू के इमरजेंसी वॉर्ड में विस्फोट हुए दो दिन बीत गये लेकिन घटना के कारण को लेकर अभी भी संदेह बरकरार है। बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से चीफ प्रॉक्टर ने सोमवार को लंका थाने में तहरीर दी। हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है। बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि विस्फोट हुआ है यह तो तय है। सरकारी जांच एजेंसियां कारण का पता लगाने में अधिक सक्षम हैं। इधर हॉस्पिटल का इमरजेंसी वॉर्ड नये बिल्डिंग में सामान्य रूप से शुरू हो गया है। इमरजेंसी की नई बिल्डिंग में 45 बेड्स पर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

हाई पावर कमेटी ने लिया जायजा

सात मई को बीएचयू के इमरजेंसी वॉर्ड में हुए ब्लास्ट की जांच को लेकर वीसी प्रो। गिरीश चंद्र त्रिपाठी की ओर से गठित हाई पावर कमेटी के चेयरमैन ने घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान पुराने इमरजेंसी वॉर्ड को भी खोलकर देखा गया। कमेटी के चेयरमैन व बिहार के पूर्व एडीजी डॉ। एके सेठ सुबह इमरजेंसी वॉर्ड पहुंचे। उनके साथ सुरक्षाकर्मी भी थे। बता दें कि वीसी प्रो। त्रिपाठी ने कमेटी गठित कर 30 मई तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। इस समिति में हर क्षेत्र के एक्सप‌र्ट्स को शामिल किया गया है।

घायलों का चल रहा इलाज

इमरजेंसी वॉर्ड में हुए विस्फोट में कुल 27 लोग घायल हुए थे। जिनका इलाज बीएचयू हॉस्पिटल में किया जा रहा था। इनमें से 22 लोगों को पहले ही छुट्टी दे दी गयी थी। बाकी पांच घायलों का इलाज बीएचयू के ट्रामा सेंटर और एसएस हॉस्पिटल में किया जा रहा है। ट्रामा सेंटर में इलाज करा रही एक महिला को बीएचयू हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया।