- आईआईटी, बीएचयू के सातवें दीक्षांत समारोह में 1191 मेधावी छात्रों को दी गई उपाधि

इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के रामपाल सिंह को प्रेसिडेंट मेडल सहित मिले 14 मेडल

VARANASI

सफलता की रंगत दुनिया के तमाम रंगों से अधिक गाढ़ी और चमकदार होती है। हर सफल व्यक्ति के चेहरे पर इस रंगत को खुशियों के रूप में बड़ी ही आसानी से देखा और समझा जा सकता है। शनिवार को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में सफलता के इसी खास रंग के दमकते चेहरों ने अपनी चमक बिखेरी। मौका था आईआईटी बीएचयू के सातवें दीक्षांत समारोह का।

समारोह में कुल 1191 ग्रेजुएट्स को डिग्रियां प्रदान की गयी। वहीं टॉपर्स को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। समारोह के चीफ गेस्ट डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी। सतीश रेड्डी और आईआईटी के डायरेक्टर प्रमोद कुमार जैन ने छात्र-छात्राओं को मेडल और अवार्ड से सम्मानित किया।

रामपाल सिंह काे 14 मेडल

समारोह में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के राम पाल सिंह ने सर्वाधिक चौदह मेडल पाकर अपनी मेधा का परचम लहराया। राम पाल सिंह को बीटेक स्तर पर शैक्षणिक क्षेत्र में संपूर्ण उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेसिडेंट्स स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया। वहीं केमिकल इंजीनियरिंग के मानस सिन्हा और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अंकुश बंसल ने विभिन्न श्रेणियों में सर्वाधिक सात-सात मेडल प्राप्त कर अपनी काबिलियत से लोगों को परिचय कराया। सिविल इंजीनियरिंग से अमन गुप्ता और मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ठाकेर पार्थ परेश को सर्वाधिक पांच मेडल मिले। माइनिंग इंजीनियरिंग में सर्वाधिक तीन मेडल आकाश चौरसिया और फार्मास्यूटिकल्स इंजीनियरिंग में सर्वाधिक तीन मेडल जिल्ले अली को मिला। जबकि दो मेडल प्राप्त करने वालों में सिविल से राहुल वर्मा, मैकेनिकल के राहुल चांद, बलजिंदर कुमार बधान, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग से शुभम चौधरी और मेटलर्जीकल इंजीनियरिंग से अनित्य गुप्ता रहे। कार्यक्रम का संचालन रजिस्ट्रार डॉ। एसपी माथुर ने किया।

डायरेक्टर ने की शुरुआत की घ्ाोषणा

दीक्षांत समारोह के आरंभ की घोषणा डायरेक्टर प्रमोद कुमार जैन ने की। इस अवसर पर प्रोफेसर ए.एस.के। सिन्हा, अनुसंधान एवं विकास के अधिष्ठाता प्रो। राजीव प्रकाश, ज्वाइंट चीफ प्रॉक्टर प्रो। प्रभाकर सिंह, प्रो। पीके मिश्रा, प्रो। आरएस सिंह, प्रो। बी मिश्रा व संस्थान के शिक्षक, अधिकारी, छात्र एवं उनके अभिभावक उपस्ि1थत रहे।

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आगे बढ़ने को इनोवेशन जरूरी

दीक्षांत भाषण में डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ। जी सतीश रेड्डी ने कहा कि टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ने के लिए इनोवेशन बहुत जरूरी है। एक इंजीनियर के तौर पर सोच हमेशा तार्किक होनी चाहिए। 21वीं सदी में तकनीकी के साथ-साथ इनोवेशन को लेकर चलने से ही देश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। कहा कि यह मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है कि मैं संस्थान के शताब्दी वर्ष में दीक्षांत भाषण दे रहा हूं। हमें संस्थान की स्टार्ट अप संस्कृति को तेजी से आगे लाना होगा जिससे ज्यादा से ज्यादा तकनीकी आधारित उत्पाद बनाए जा सकें और मेक इन इंडिया का सपना पूरा किया जा सके।