अकादमिक और अनुसंधान सहयोग संवर्धन योजना के तहत बीएचयू के टीचर्स को मिलेगी बेहतर सुविधाएं

VARANASI

बीएचयू में विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे बेहतर समाजोपयोगी रिसर्च को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंजूरी दी है। जी हां यहां के आठ टीचर्स द्वारा किये जा रहे रिसर्च के प्रापोजल को मंत्रालय ने बेहतर मानते हुए अपनी स्वीकृति दी है। अकादमिक और अनुसंधान सहयोग संवर्धन योजना तहत बीएचयू के कुल 8 शिक्षकों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। योजना के तहत एनआईआरएफ रैकिंग में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले भारतीय संस्थान तथा क्यूएस रैकिंग में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले विदेशी संस्थानों ने हिस्सा लिया था। प्रत्येक योजना के लिये 50 लाख रूपये से एक करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित की गई है तथा इस संयुक्त शोध पहल के तहत एक टीम में दो विदेशी और दो भारतीय शिक्षक तथा दो भारतीय एवं दो विदेशी छात्र होंगे। यानि एक टीम में कुल आठ लोग होंगे। इसके तहत चुने गए छात्रों को दुनिया की श्रेष्ठ प्रयोगशाला में एक वर्ष के लिये पहुंच उपलब्ध करायी जायेगी। आईआईटी बीएचयू के प्रो.राजीव प्रकाश का कम खर्च वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के उपयोग के लिए, प्रो.राम शरण सिंह का बेंजीन तथा टोल्यूनि के निष्कासन के लिए, प्रो। प्रदीप श्रीवास्तव को फंक्शनल टिश्यू के उपयोग के लिए व बीएचयू के प्रो.ओंकार नाथ श्रीवास्तव को हरित ऊर्जा, प्रो। इडी तिवारी का मानव स्वास्थ्य में इंटेग्रेटेड सेंसर, डॉ वेंकटेश सिंह का न्यूट्रिनो भौतिकी , प्रो। संजय कुमार का डीएनए बबल फॉर्मेशन, डॉ मनीष अरोड़ा का भारत और यूएसए के सामाजिक प्रारूप के इतिहास के संदर्भ में चयन हुआ है।