-एसएसपी ऑफिस में बीडीसी मेंबर समेत कई लोगों ने की शिकायत

-एसएसपी के आदेश पर कोतवाली में कंपनी के मालिक पर एफआईआर

BAREILLY: गंगा इंफ्रासिटी कंपनी के बाद अब भूमि प्रॉपमार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी लोगों के करोड़ों रुपए लेकर भाग गई है। जब लोग कंपनी के मालिक के घर पहुंचे तो उसने शादी का बहाना बनाकर बाद में रुपए देने का वादा कर दिया, लेकिन दो महीने के इंतजार के बाद भी रुपए न मिलने पर करीब दो दर्जन पीडि़त एसएसपी ऑफिस पहुंचे। एसएसपी के आदेश पर कोतवाली में नकटिया की बीडीसी मेंबर की तहरीर पर कंपनी के मालिक के खिलाफ ठगी की एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

वर्ष 2011 में हुई थी मुलाकात

चेतना कॉलोनी नकटिया निवासी पूनम चौधरी, बीडीसी मेंबर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात वर्ष 2011 में मुंशी नगर निवासी रमेश राजपूत से हुई थी। रमेश राजपूत ने खुद को भूमि प्रॉपमार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर बताया था। कंपनी का ऑफिस रामपुर गार्डन में था। रमेश राजपूत ने कंपनी में रुपए लगाने का प्लान बताया था। उसने बताया था कि कंपनी में 10 हजार रुपए की एफडी कराने पर 5 वर्ष में 25 हजार रुपए मिलेंगे। इसके अलावा रियल स्टेट में पैसा लगाने के लिए कहा। उसने सुमंगलम भूमि प्रॉपमार्ट नाम से बदायूं रोड पर कॉलोनी के बारे में भी बताया था।

सपने दिखाकर कराया इनवेस्टमेंट

पूनम का आरोप है कि रमेश राजपूत ने कंपनी में रुपए लगाने पर बड़े-बड़े सपने दिखाए थे। कंपनी में उन्होंने, उसके भाई सोनू चौधरी और सोनू के दोस्त विकास ने भी रुपए लगा दिए। उनके जानने वालों ने करीब 20 लाख रुपए कंपनी में लगा दिए। उनके संपर्क में धीरे-धीरे राजीव शर्मा, मुरारीलाल, देवी सरन, ओमपाल, सोमेश पाठक समेत कई लोग आ गए। इन लोगों ने भी कंपनी में काफी मोटी रकम लगा दी।

6 लाख रुपए भी किए वापस

पूनम के मुताबिक कंपनी ने वर्ष 2012 के बाद रुपए देने से इनकार कर दिया। यही नहीं रामपुर गार्डन स्थित कंपनी का ऑफिस भी बंद हो गया। उन्होंने कैंट थाने में रमेश राजपूत के खिलाफ तहरीर दी तो फिर उसने रुपए देने का वादा किया। यही नहीं उसने करीब 6 लाख रुपए वापस भी कर दिए, जिससे उन्हें भरोसा हो गया, लेकिन उसके बाद कोई भी रुपए नहीं दिए। वह कुछ दिनों बाद रुपए देने का वादा करता रहा।

शादी का हवाला भी िदया ठग ने

सोनू ने बताया कि करीब दो महीने उन्हें पता चला कि रमेश राजपूत शादी कर रहा है, इस पर वह सभी लोग उसके घर पहुंच गए। इस पर उसने शादी होने का हवाला देते हुए हंगामा न करने की बात कही। यही नहीं मोहल्ले में पता चला कि उसका नाम रमेश राजपूत नहीं है। उसका असली नाम आशीष है। वह कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर नहीं है बल्कि वह मालिक है। यही नहीं उसने अपने भाई का नाम केदारनाथ बताया था, जबकि उसके भाई का नाम आकाश है। शादी के बाद भी जब उससे रुपए मांगे तो उसने साफ इनकार कर दिया और धमकी देने लगा। जिसके चलते लोगों ने एसएसपी ऑफिस में शिकायत की।